'लेफ्ट' से 'राइट' हुए मिथुन, बंगाल चुनाव में चर्चित चेहरे की BJP की तलाश हुई पूरी   

देश
आलोक राव
Updated Mar 09, 2021 | 10:36 IST

West Bengal polls 2021 : सवाल है कि चुनाव में भाजपा किस तरह से अभिनेता का फायदा उठाएगी। मिथुन की लोकप्रियता एवं उनके प्रशंसकों को लेकर कोई शक नहीं है। हिंदी सिनेमा के साथ-साथ वह बंगाली सिनेमा के बड़े चेहरे हैं।

 From left to right How Mithun Chakraborty will help BJP in Bengal polls
बंगाल चुनाव में चर्चित चेहरे की BJP की तलाश पूरी।  |  तस्वीर साभार: PTI
मुख्य बातें
  • पश्चिम बंगाल में इस बार आठ चरणों में होंगे विधानसभा चुनाव
  • 27 मार्च को पहले चरण की वोटिंग, 2 मई को आएंगे नतीजे
  • राज्य में इस बार मुख्य मुकाबला भाजपा और टीएमसी के बीच

नई दिल्ली : कोलकाता के ब्रिगेड परेड ग्राउंड रैली में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद अभिनेता मिथुन चक्रवर्ती ने कहा कि 'वह कोबरा हैं। एक बाइट में ही काम तमाम कर देंगे।' जाहिर है कि उनका इशारा तृणमूल कांग्रेस की ओर था। लेफ्ट, टीएमसी से होते हुए मिथुन ने अब भाजपा का दामन थामा है। 12 मार्च से वह पार्टी के लिए प्रचार भी शुरू कर देंगे। अभिनेता का कहना है कि वह लोगों की सेवा करना चाहते हैं और इसके पहले राजनीतिक दलों में शामिल होना उनका एक 'गलत निर्णय' था। बहरहाल, अब बंगाल चुनाव में मिथुन भाजपा के स्टार प्रचारक होंगे। वह प्रदेश भर में रैलियां करेंगे। भाजपा उन्हें चुनाव भी लड़ा सकती है। 

हिंदी एवं बंगाली सिनेमा के बड़े चेहरे हैं मिथुन
सवाल है कि इस चुनाव में भाजपा किस तरह से अभिनेता का फायदा उठाएगी। मिथुन की लोकप्रियता एवं उनके प्रशंसकों को लेकर कोई शक नहीं है। हिंदी सिनेमा के साथ-साथ वह बंगाली सिनेमा के बड़े चेहरे हैं। बंगाल सहित पूरे देश उनकी पहचान एक बड़े अभिनेता के रूप में है। मिथुन के लाखों-करोड़ों की संख्या प्रशंसक हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि वह शुरुआत से ही 'क्लास' के नहीं बल्कि 'मॉस' के अभिनेता रहे हैं। उनकी पहुंच सुदूर ग्रामीण अंचलों तक है जहां बड़ी संख्या में मतदाता रहते हैं। वह अपनी रैलियों में बड़ी संख्या में भीड़ आकर्षित करेंगे जिसका कहीं न कहीं फायदा भाजपा को मिलेगा। 

पार्टी की तरफ हो जाता है अभिनेता के प्रशंसकों का झुकाव
दरअसल, जब कोई लोकप्रिय अभिनेता जब किसी पार्टी में शामिल होता है तो उसके प्रशंसकों का झुकाव सामान्य तौर पर उस राजनीतिक दल के प्रति हो जाता है। बंगाल में मिथुन के प्रशंसक एवं चाहने वाले करोड़ों की संख्या में है। मिथुन के भाजपा में शामिल होने से भगवा पार्टी को बंगाल के ग्रामीण इलाकों तक अपनी बात पहुंचाने में आसानी होगी।

भाजपा पर 'बाहरी' होने का आरोप लगाती हैं ममता  
मिथुन को भाजपा में शामिल कराने का एक बड़ा दूसरा कारण ममता बनर्जी का वह आरोप है जिसका काट ढूंढने का प्रयास भगवा पार्टी लंबे समय से कर रही थी। ममता भाजपा पर 'बाहरी'  होने का आरोप लगाती आई हैं। भाजपा को लगता था कि ममता के इस प्रहार से उसे चुनावों में नुकसान हो सकता है। बंगाल का कोर वोट बैंक उससे दूरी बना सकता है। अब मिथुन के शामिल हो जाने से उसे एक मजबूत, स्थानीय एवं लोकप्रिय चेहरा मिल गया है। रिपोर्टों की मानें तो भाजपा सौरव गांगुली को अपनी पार्टी में शामिल कराना चाहती थी लेकिन इसमें उसे सफलता नहीं मिली। इसके बाद उसने बंगाल के अमिताभ बच्चन के रूप में मशहूर अभिनेता प्रसेनजीत को अपने पाले में करना चाहा लेकिन बंगाल के इस अभिनेता ने राजनीति में आने पर अनिच्छा जाहिर कर दी। अब भाजपा की स्थानीय चर्चित चेहरे की तलाश मिथुन में पूरी हुई है।    

मिथुन का राजनीति से नाता पुराना
मिथुन का राजनीति से नाता पुराना है। वह लंबे समय तक लेफ्ट से जुड़े रहे। बताया जाता है कि बंगाल में लेफ्ट की सरकार के समय उनका माकपा के परिवहन एवं खेल मंत्री सुभाष चक्रवर्ती के साथ करीबी संबंध रहा। इसके बाद वह टीएमसी में शामिल हो गए। ममता की पार्टी ने 2014 में उन्हें अपने टिकट पर राज्यसभा पहुंचाया लेकिन दो साल बाद शारदा चिट फंड घोटाले में अपना नाम आने के बाद उन्होंने संसद की सदस्यता छोड़ दी। पिछले दिनों आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात के बाद उनके भाजपा में शामिल होने की अटकलें लगने लगीं। 

टीएमसी में हैं सितारों की जमघट
मिथुन को भाजपा में शामिल करने की एक वजह टीएमसी में टॉलीवुड के सितारों का जमावड़ा। ममता की इस पार्टी में बंगाली सिनेमा एवं टीवी के कलाकार बड़ी संख्या में है। ममता ने इस बार इन कलाकारों को टिकट भी दिया है। बंगाल की टॉलीवुड में भी अच्छी पकड़ है। भाजपा इस बार ममता को उनके ही दांव से मात देने की कोशिश में है।  

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