कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, नरेंद्र मोदी सरकार पर हमला करने से चूकते नहीं। लेकिन शुक्रवार को उन्होंने जब बयानों के जरिए नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना साधा तो अंदाज अलग था। आपने सुना होगा कि कांग्रेस के अंदर कुछ लोग राहुल गांधी को फुल टाइम अध्यक्ष बनाने की बात ही नहीं बल्कि पुरजोर समर्थन भी करते हैं। लेकिन पार्टी के बाहर से भी आवाज उठी है और वो आवाज और कोई नहीं बल्कि आरजेडी के हिस्सा बन चुके शरद यादव ने उठाई है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी 24 घंटे काम करते रहते हैें लिहाजा कांग्रेस की कमान उन्हें सौंप देनी चाहिये।
चीन से नहीं चेते तो हो जाएगा नुकसान
चीन हमेशा से कहता रहा है कि लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश आपके (भारत के) नहीं हैं और उन्होंने वहां अपनी सेना तैनात कर दी है। सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। लेकिन हमारे पास एक मॉडल (रूस-यूक्रेन) है। वह मॉडल यहां भी लागू किया जा सकता है।हकीकत को सरकार स्वीकार नहीं कर रही है। मैं उन्हें वास्तविकता को स्वीकार करने के लिए कह रहा हूं क्योंकि अगर वे ऐसा नहीं करते हैं और खुद को तैयार नहीं करते हैं, तो स्थिति खराब होने पर वे प्रतिक्रिया नहीं कर पाएंगे।
नाटो- यूएस- यूक्रेन गठबंधन को तोड़ना ही रूस का मकसद
राहुल गांधी रूस का कहना है कि वे यूक्रेन की क्षेत्रीयता को स्वीकार नहीं करते हैं, वे डोनेट्स्क और लुहान्स्क क्षेत्रों को यूक्रेन का हिस्सा नहीं मानते हैं। इसी आधार पर रूस ने यूक्रेन पर हमला किया। आखिर उसका उद्देश्य क्या है? नाटो-यूक्रेन-अमेरिका का गठबंधन तोड़ें। चीन भारत पर भी यही सिद्धांत लागू कर रहा है।
2-3 वर्षों में सच पर डाला गया पर्दा
पिछले 2-3 सालों में मीडिया, संस्थाओं, बीजेपी नेताओं आरएसएस ने सच छुपाया है. धीरे-धीरे सच सामने आएगा। श्रीलंका में यही हो रहा है। वहीं सच्चाई सामने आई। भारत में सच सामने आएगा। उन्होंने कि पहले और अब में क्या अलग है? भारत विभाजित हो गया है, विभिन्न समूह बन गए हैं। यह पहले एक राष्ट्र था, उन्होंने अब देश में अन्य राष्ट्र बनाए हैं। सभी को एक दूसरे के खिलाफ खड़ा किया जा रहा है। जब यह दर्द आता है तो हिंसा आती है। अब मुझ पर विश्वास न करें, 2-3 साल इंतजार करें।
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