गणतंत्र दिवस: गलवान के नायकों को मरणोपरांत सम्मानित कर सकती है सरकार 

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Updated Jan 12, 2021 | 07:33 IST

गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में जान गंवाने वाले 20 भारतीय सैन्य कर्मियों में 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल बाबू भी शामिल थे।

Galwan heroes likely to be honoured posthumously with gallantry awards on Republic Day
गलवान के नायकों को मरणोपरांत सम्मानित कर सकती है सरकार।  |  तस्वीर साभार: PTI

नई दिल्ली : पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में पिछले साल जून में चीनी सैनिकों के साथ बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हुए कर्नल बी संतोष बाबू तथा कुछ अन्य भारतीय सैनिकों को गणतंत्र दिवस के अवसर पर वीरता पुरस्कारों से सम्मानित किया जा सकता है। सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी। गलवान घाटी में 15 जून को चीनी सैनिकों के साथ संघर्ष में जान गंवाने वाले 20 भारतीय सैन्य कर्मियों में 16 बिहार रेजीमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल बाबू भी शामिल थे। यह घटना पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच सर्वाधिक गंभीर सैन्य संघर्षों में से एक गिनी गयी।

गलवान घाटी की हिंसा के बाद बढ़ा तनाव
चीन ने संघर्ष में हताहत हुए अपने जवानों की संख्या का खुलासा आज तक नहीं किया है लेकिन उसने आधिकारिक रूप से सैनिकों के मरने और घायल होने की बात स्वीकार की थी। एक अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के अनुसार चीन के भी 35 सैनिक मारे गये थे। गलवान घाटी में हुए संघर्ष ने पूर्वी लद्दाख में सीमा पर तनाव को बढ़ा दिया था, जिसके बाद दोनों सेनाओं ने टकराव वाले बिंदुओं पर भारी संख्या में सैनिकों की तैनाती की और भारी हथियार पहुंचाए।

भारतीय सैनिकों ने दिखाया पराक्रम
एक सूत्र ने कहा, ‘गलवान में संघर्ष के दौरान असाधारण साहस दिखाने वाले कर्नल बाबू समेत सेना के कुछ कर्मियों को गणतंत्र दिवस पर सम्मानित किया जा सकता है।’भारतीय सेना ने पूर्वी लद्दाख में पोस्ट 120 पर ‘गलवान के बहादुरों’के लिए एक स्मारक बनवाया है। इसमें ‘स्नो लेपर्ड’अभियान के तहत इन जवानों की वीरता का उल्लेख किया गया है। इसके अलावा सैन्य मामलों का विभाग दिल्ली में राष्ट्रीय समर संग्रहालय में कर्नल बाबू और 19 अन्य जवानों के नाम अंकित करने वाला है।

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