रीवा: 2020 में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में देश के कई वीर जांबाज शहीद हो गए थे, उनमें से एक थे मध्य प्रदेश के रीवा के रहने वाले लांस नायक दीपक सिंह। वीर चक्र से सम्मानित दीपक सिंह शादी के महज 15 महीने बाद ही इस हिंसक झड़प में शहीद हो गए और उनके परिवार पर मानों दुखों का पहाड़ टूट पड़ा लेकिन पत्नी रेखा सिंह ने हिम्मत नहीं हारी। इसी का परिणाम है कि रेखा सिंह का अब लेफ्टिनेंट के पद पर चयन हो गया है।
रेखा सिंह आर्मी में जाने के अपने फैसले पर कहती हैं, 'यह मेरे पति का सपना था जिसने मुझे भारतीय सेना में जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। मैंने शिक्षक की नौकरी छोड़कर सेना में अधिकारी बनने का मन बना लिया था। मैं 28 मई से चेन्नई में उसकी ट्रेनिंग शुरू करूंगी।' रेखा सिंह के लिए यह सफलता इतनी आसान नहीं थी उन्होंने इसके लिए नोएडा में जाकर भर्ती परीक्षा की तैयारियां की लेकिन पहले प्रय़ास में सफल नहीं हुईं। रेखा सिंह ने हिम्मत नहीं हारी और फिर से तैयारी शुरू कर दी। अंतत: सफलता मिली और लेफ्टिनेंट के पद के लिए चयनित हो गई हैं।
शहीद दीपक सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया था। शहीद दीपक सिंह के सर्वोच्च बलिदान को सर्वोच्च सम्मान देते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शहीद के परिजन को एक करोड़ रुपए की सम्मान राशि प्रदान की थी। इसके अलावा राज्य सरकार ने रेखा सिंह को शिक्षाकर्मी वर्ग-2 पद पर नियुक्ति दी गई थी लेकिन रेखा का मन तो सेना में जाने का था और इसके लिए उन्होंने दृढ़ संकल्प ले लिया था। रेखा के सपने को पूरा करने के लिए उनके ससुराल औऱ मायके वालों ने खूब सहयोग किया।
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