Gaurav Sharma : न्यूजीलैंड में MP बने हिमाचल के गौरव शर्मा, पार्क की बेंच पर सोते थे पिता   

लेबर पार्टी के बयान के मुताबिक, 'गौरव के पिता को अपने अनुभव वाले क्षेत्र में काम पाने में छह साल लगे। इस दौरान परिवार को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ा।

Gaurav Sharma an emigrant from Himachal In New Zealand’s newly elected Parliament
न्यूजीलैंड में MP बने हिमाचल के गौरव शर्मा, पार्क की बेंच पर सोते थे पिता।  |  तस्वीर साभार: Twitter
मुख्य बातें
  • न्यूजीलैंड में लेबर पार्टी के टिकट पर संसद पहुंचे हैं गौरव शर्मा
  • करीब 20 साल पहले गौरव का परिवार हमीरपुर से न्यूजीलैंड पहुंचा
  • गौरव के पिता को शुरुआती सालों में काम मिलने में दिक्कत हुई

नई दिल्ली : हिमाचल प्रदेश के हमीपुर के रहने वाले डॉ. गौरव शर्मा ने न्यूजीलैंड में देश का नाम रौशन किया है। गौरव लेबर पार्टी के टिकट पर वहां की संसद में पहुंचे हैं। उन्हें हैमिल्डन वेस्ट से सांसद चुना गया है। गौरव करीब 20 साल पहले हमीरपुर से न्यूजीलैंड गए थे। गौरव (35) ने मेडिसिन एवं सर्जरी में बैचलर किया है और वह हैमिल्टन के नटॉन में प्रैक्टिस करते हैं। 

स्थानीय डॉक्टर हैं गौरव शर्मा
न्यूजीलैंड के चुनाव आयोग के मुताबिक आम चुनाव में गौरव को 16,950 वोट मिले और उन्होंने नेशनल पार्टी के टिम मैसिनडो को 4,425 वोटों से हराया। शर्मा ने अपनी पार्टी के आधिकारिक वेबसाइट पर कहा, 'एक स्थानीय डॉक्टर के रूप में, मैंने अपने समुदाय की समस्याओं को प्रतिदिन सुना। कोविड-19 से रिकवरी के दौर में स्वास्थ्य क्षेत्र में मेरा काम और प्रबंधन में मेरा अनुभव दोनों हैमिल्टन की एक मजबूत आवाज बनने में मेरी मदद की।'

हिमाचल के सीएम ने दी बधाई
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने गौरव की इस उपलब्धि पर उन्हें बधाई दी है। ठाकुर ने अपने एक बयान में कहा, 'हमीरपुर के गालोद के रहने वाले डॉ. गौरव ने देश और राज्य दोनों के लिए नाम कमाया है। हिमाचल प्रदेश के लोग उनकी इस कामयाबी पर गर्व का अनुभव कर रहे हैं।' शर्मा के पिता न्यूजीलैंड जाने से पहले हिमाचल प्रदेश के बिजली विभाग में इंजीनियर थे। गौरव का परिवार जब न्यूजीलैंड गया उस समय वह नौवीं कक्षा में पढ़ते थे। वहां पहुंचने पर परिवार को नए माहौल में खुद को ढालने के लिए मशक्कत करनी पड़ी। 

पिता को मुश्किलें उठानी पड़ी
लेबर पार्टी के बयान के मुताबिक, 'गौरव के पिता को अपने अनुभव वाले क्षेत्र में काम पाने में छह साल लगे। इस दौरान परिवार को आर्थिक संकट के दौर से गुजरना पड़ा। उन्होंने कई बार बिना घर का महसूस किया। वह पार्क के बेंच पर सोते थे और ऑकलैंड सिटी मिशन एवं हरे कृष्णा जैसी जगहों पर खाना खाते थे।'

शनिवार को हुए चुनावों में प्रधानमंत्री जेसिंडा अर्डर्न की सत्तारूढ़ लेबर पार्टी ने 49 प्रतिशत वोट हासिल कर बहुमत हासिल किया, जिससे उनके दूसरी बार सत्ता में काबिज होने का मार्ग प्रशस्त हो गया।

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