लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर गाजियाबाद की तत्कालीन जिलाधिकारी निधि केसरवानी को दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे और ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेस-वे के लिए जमीन अधिग्रहण में हुई अनियमितता में संलिप्तता के आरोप में निलंबित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा बुधवार को एक ट्वीट में इसकी जानकारी देते हुए बताया गया, 'भ्रष्टाचार के विरूद्ध जीरो टॉलरेंस की नीति के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गाजियाबाद की तत्कालीन जिलाधिकारी को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू करने हेतु प्रकरण भारत सरकार को संदर्भित करने के आदेश दिए हैं।'
गाजियाबाद की तत्कालीन जिलाधिकारी निधि केसरवानी इस समय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात हैं। ट्वीट में कहा गया है, 'भूमि अधिग्रहण में अनियमितता पर दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई। तत्कालीन जिलाधिकारी गाजियाबाद, वर्तमान में भारत सरकार में तैनात को निलंबित करते हुए विभागीय कार्यवाही शुरू करने हेतु भारत सरकार को प्रकरण संदर्भित किया जाएगा।'
उसमें कहा गया है, 'दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर विधिक कार्यवाही के आदेश। जांच आख्या उपलब्ध होने के बाद भी पत्रावली व्यवहृत करने में अत्यधिक विलंब के लिए जिम्मेदार नियुक्ति विभाग के संबंधित अनुभाग अधिकारी व समीक्षा अधिकारी तात्कालिक प्रभाव से होंगे निलंबित तथा उनके एवं अनुसूचित के विरुद्ध शुरू होगी विभागीय कार्यवाही।'
गौर हो कि मणिपुर कैडर की IAS निधि केसरवानी 2004 बैच की अधिकारी है, वो साल 2016 में गाजियाबाद की डीएम रहीं थीं, निधि पर ये कार्रवाई दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस जमीन अधिग्रहण घोटाले को लेकर की गई है, अनुभाग अधिकारी नियुक्ति और समीक्षा अधिकारी नियुक्ति को भी सस्पेंड करने के निर्देश दिए हैं और इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही की जाएगी, कहा जा रहा है कि इस घोटाले की जांच मेरठ मंडल के पूर्व आयुक्त ने की थी इसमें गाजियाबाद की तत्कालीन जिलाधिकारी निधि समेत कुछ अफसरों को दोषी पाया था।
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