नई दिल्ली : प्रवासी मजदूरों में घर जाने की छटपटाहट बढ़ने लगी है। सोमवार को हजारों की संख्या में प्रवासी मजदूर गाजियाबाद स्थित रामलीला मैदान पहुंचे। ये प्रवासी मजदूर उत्तर प्रदेश के अलग-अलग शहरों के लिए रवाना होने वाली श्रमिक ट्रेनों के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराना चाहते हैं। यहां सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते कोई नजर नहीं आया। ओरैया की घटना के बाद यूपी के जिलों का बॉर्डर सील कर दिया गया है जिसके बाद प्रवासी मजदूर सड़क के रास्ते अब अपने गांव की तरफ रवाना नहीं हो पा रहे हैं।
ओरैया में सड़क दुर्घटना के बाद यूपी सरकार सख्त हो गई है। सरकार ने जिला प्रशासन को आदेश दिया है कि प्रवासी मजदूरों को सड़क पर पैदल चलने की इजाजत न दी जाए। इसके बाद जिलों की सीमाएं सील कर दी गई हैं। प्रशासन लोगों से चाहता है कि जो प्रवासी मजदूर अपने घर जाना चाहते हैं, उनका रजिस्ट्रेशन किया जाए। प्रशासन पेपर का काम पूरा करने के बाद इन लोगों के लिए बस या ट्रेन की व्यवस्था करेगा।
सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं
गाजियाबाद के रामलीला मैदान में प्रवासी मजदूर बड़ी संख्या में पहुंचे हैं। यहां लोगों के बीच सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराने का कोई इंतजाम प्रशासन की तरफ से नहीं किया गया है। मैदान में पुलिसकर्मियों की तैनाती भी काफी कम है। यहां सिटी मजिस्ट्रेट एवं प्रशासन के अधिकारियों की मजौदूगी में सोशल डिस्टेंसिंग का उल्लंघन हुआ।
मजदूरों की संख्या ज्यादा, व्यवस्था कम
प्रशासन ने मजदूरों के आधार और राशन के आधार पर रजिस्ट्रेशन किया है लेकिन उसकी तरफ से खामी भी नजर आई है। मजदूरों को घर जाने के लिए रजिस्ट्रेशन की रसीद दी गई है लेकिन मजदूरों को पता नहीं है कि उन्हें किस बस में चढ़ना है। मजदूरों को रामलीला ग्राउंड के पास रहने के लिए कम्युनिटी सेंटर की व्यवस्था की गई है लेकिन मजदूरों की संख्या इतनी ज्यादा है कि ये व्यवस्था नाकाफी साबित हो रही है। एक प्रवासी मजदूर ने बताया कि उसे पटना जाना है लेकिन उसे कोई रेलगाड़ी नहीं मिल रही है। कई मजदूर पंजाब से पैदल यहां पहुंचे हैं।
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