हैदराबाद : ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव के लिए आज (1 दिसंबर) को मतदान हुआ। मतदान सुबह सात बजे शुरू हुआ और शाम छह बजे तक चला। इस चुनाव में 150 सीटों पर 1,122 प्रत्याशी मैदान में हैं। वोटों की गिनती 4 दिसंबर को होगी। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक जीएचएमसी के 150 वार्डों के चुनाव के लिए 74,44,260 वोटर अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। तेलंगाना राज्य निर्वाचन आयोग (एसईसी) ने चुनाव प्रक्रिया के लिए 48,000 चुनाव कर्मियों और 52,500 पुलिस कर्मियों की तैनाती की है। इस चुनाव की खास बात यह है कि बैलेट पेपर से चुनाव कराया जा रहा है।
शाम 5 बजे तक 36.73% फीसदी मतदाताओं ने वोट डाला। साल 2016 के जीएचएमसी चुनावों में 45.27 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे।
एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने अपना वोट डाला। उसके बाद कहा कि मैं हैदराबाद के लोगों से अपील करता हूं कि वे लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए आज अपना वोट डालें। तेलंगाना के मंत्री और टीआरएस नेता, केटी रामाराव ने अपना वोट डाला।
इस चुनाव में विधानसभा और लोकसभा चुनाव की तरह प्रचार हुआ और कई राष्ट्रीय स्तर के नेता मैदान में उतरे। इस चुनाव के लिए बड़े पैमाने पर चुनाव प्रचार किया गया। राज्य विधानसभा की दुबक सीट पर हाल में हुए उपचुनाव में जीत के बाद बीजेपी ने जीएचएमसी चुनाव के लिए पूरी ताकत झोंक दी है।
बीजेपी के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, स्मृति ईरानी और गृह राज्यमंत्री जी किशन रेड्डी, जो सिकंदराबाद से सांसद हैं, बीजेपी युवा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेजस्वी सूर्या ने प्रचार किया। बीजेपी की चुनाव प्रचार की रणनीति पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव ने बनाई, जो बिहार विधानसभा चुनाव के भी पार्टी प्रभारी थे।
बीजेपी के तेलंगाना अध्यक्ष उस वक्त विवाद में फंस गए जब उन्होंने कहा कि मेयर का पद जीतने के बाद उनकी पार्टी पुराने शहर पर ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ करेगी और रोहिंग्याओं और पाकिस्तानियों को भगाएगी। एमआईएमआईएम के अकबरुद्दीन ओवैसी ने प्रचार के दौरान यह कहकर विरोधियों के निशाने पर आ गए कि अगर उनकी पार्टी जीती तो हुसैन सागर झील के किनारे बनी पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव और तेलुगु देशम पार्टी संस्थापक एनटी रामाराव की समाधियों को हटा दिया जाएगा क्योंकि झील किनारे बसे गरीबों को हटाया जा रहा है। बीजेपी ने प्रचार के दौरान राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस और एआईएमआईएम के कथित गठबंधन को रेखांकित किया और मतदाताओं से पारदर्शी शासन के लिए उसके पक्ष में मत देने की अपील की।
टीआरएस की ओर से प्रचार की कमान नगर प्रशासन मंत्री केटी रामाराव ने संभाली जबकि राज्य के मुख्यमंत्री एवं पार्टी सुप्रीमो के. चंद्रशेखर राव ने भी जनसभाओं को संबोधित किया। टीआरएस ने राज्य के कई मंत्रियों और विधायकों को भी मैदान में उतारा। कांग्रेस की ओर से प्रदेश अध्यक्ष एन उत्तम कुमार रेड्डी और कार्यकारी अध्यक्ष ए रेवंत रेड्डी व अन्य वरिष्ठ नेताओं ने प्रचार किया। एक समय राज्य की राजनीति में शक्तिशाली रही तेलुगु देशम पार्टी भी एक बार फिर खोई जमीन वापस लेने की कोशिश के तहत मैदान में उतरी है और अविभाजित आंध्रप्रदेश में एन चंद्रबाबू नायडू के मुख्यमंत्री रहते शहर के विकास के लिए किए गए कार्यो का हवाला दिया।
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