Ghulam Nabi Azad Resigns: पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने संगठनात्मक चुनाव से पहले शुक्रवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता समेत सभी पदों से इस्तीफा दे दिया। साथ ही आजाद ने कांग्रेस नेतृत्व पर आंतरिक चुनाव के नाम पर पार्टी के साथ बड़े पैमाने पर ‘धोखा’ करने का आरोप लगाया। आजाद पार्टी के ‘जी23’ समूह के प्रमुख सदस्य रहे हैं। हाल ही में उन्होंने जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के चुनाव अभियान समिति के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया था।
राहुल गांधी अपरिपक्व और अप्रत्याशित नेता- हिमंत बिस्वा सरमा
गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर कांग्रेस के अलावा बीजेपी समेत कई दूसरी पार्टियों के नेताओं ने बयान दिया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि गुलाम नबी आजाद और मेरे लिखे गए इस्तीफे में काफी समानता हैं। सबको पता है कि राहुल गांधी अपरिपक्व और अप्रत्याशित नेता है। कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी ने अब तक बस अपने बेटे को ही आगे बढ़ाने का काम किया है, जो अब तक विफल रहा है। इसी वजह से जो नेता पार्टी के लिए वफादार थे, वह पार्टी छोड़कर जा रहे हैं। मैंने 2015 में ही कहा था कि कांग्रेस में सिर्फ गांधी रह जाएंगे। राहुल गांधी भाजपा के लिए वरदान हैं। जब लोग राहुल गांधी से हमारे नेताओं की तुलना करते हैं तो वैसे ही हम आगे हो जाते हैं।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के इस्तीफा देने पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि जो टिप्पणियां की गई हैं वो उचित नहीं है। मैं खुद सदमे में हूं कि एक 42 साल का व्यक्ति जिसे जिंदगी में सब कुछ मिला हो वो आज ऐसे संदेश दे रहें जो मेरे समझ के परे हैं। वहीं कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा कि हमने गुलाम नबी आजाद साहब का इस्तीफा पत्र देखा। दुख की बात है कि उन्होंने ऐसे समय में कांग्रेस छोड़ने का फैसला किया जब कांग्रेस देशभर में बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी, ध्रुवीकरण की लड़ाई लड़ने जा रही है। दुख की बात है कि वे इस लड़ाई में हिस्सा नहीं बन रहे।
कांग्रेस अब डूबता हुआ जहाज- आनंद शर्मा
कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने कहा कि जाहिर है कि वे बहुत आहत हुए होंगे। इस स्थिति को आने से बचाई जा सकती थी और यह बात समय-समय पर बताई भी गई। हम निरंतर कमजोर होते जा रहे हैं। हमारा यही लक्ष्य रहा है कि राय मशवरा करके उसको हम सुधार सकें। गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे पर हिमाचल प्रदेश के सीएम जयराम ठाकुर ने कहा कि उन्होंने आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दिया है। इससे मालूम होता है कि कांग्रेस अब डूबता हुआ जहाज है। उनका कहना है कि अनुभवहीन लोग राहुल गांधी और सोनिया गांधी के करीब हैं जो उनको गुमराह करते हैं।
गुलाम नबी आजाद का डीएनए ‘मोदी-मय’ हो गया- जयराम रमेश
आजाद के इस्तीफा देने पर कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि ‘जीएनए’ (गुलाम नबी आजाद) का डीएनए ‘मोदी-मय’ हो गया है। वहीं कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने कहा कि आजाद राज्यसभा का अपना कार्यकाल समाप्त होते ही बेचैन हो उठे; वह एक पल भी पद के बिना नहीं रह सकते।
वहीं आजाद के इस्तीफे पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि इंदिरा गांधी जी के वक्त से गुलाम नबी आजाद कैबिनेट के मेंबर थे। आज भी सोनिया गांधी के बहुत करीब थे। बड़ा अफसोस है मुझे कि ऐसा क्या हो गया कि इन्हें इतना बड़ा फैसला लेना पड़ा। नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को कांग्रेस से गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे को पार्टी के लिए एक बड़ा झटका करार देते हुए कहा एक इतनी पुरानी पार्टी का पतन देखना ‘‘दुखद’’ और ‘‘खौफनाक’’ है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘लंबे समय से ऐसी अटकलें थीं..... कांग्रेस के लिए यह एक बड़ा झटका है। शायद हाल के दिनों में पार्टी छोड़ने वाले वह सबसे वरिष्ठ नेता हैं, उनका इस्तीफा बेहद दुखद है।’’ उमर ने कहा, ‘‘ इतनी पुरानी पार्टी का पतन होते देखना दुखद और खौफनाक है।’’
‘जी 23’ में शामिल रहे पूर्व सांसद संदीप दीक्षित ने पार्टी से इस्तीफा देने वाले वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद को पत्र लिखकर शुक्रवार को कहा कि उनका त्यागपत्र हताशा और विश्वासघात का भाव देता है। उन्होंने ‘जी 23’ के अतीत के कदमों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘हमने पार्टी के भीतर सुधार का बैनर उठाया था, विद्रोह का नहीं।’’ दीक्षित ने पत्र में लिखा, ‘‘पार्टी छोड़ने से दुर्भाग्यवश उन नीतियों, व्यवस्था और व्यक्तियों को मजबूती मिलेगी जिनके चलते हमने पार्टी के भीतर सुधार के लिए पत्र लिखा था।’’ पूर्व सांसद ने कहा, ‘‘आजाद के बिना कांग्रेस और कमजोर होगी, लेकिन आज त्यागपत्र लिखने वाले गुलाम नबी आजाद वह नहीं हैं जिन्होंने कभी ‘जी 23’ का पत्र लिखा था।’’
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