अगले साल पांच राज्यों में होने वाले चुनाव से पहले 3 लोकसभा और 29 विधानसभाओं के नतीजों को अहम माना जा रहा था। तीन लोकसभा में से बीजेपी के खंडवा सीट पर जीत मिली। लेकिन दादरा नगर हवेली में शिवसेना के हाथों हार मिली। दादरानगर की जीत को शिवसेना ने खास नजरिए से देखा है। पार्टी के प्रवक्ता संजय राउत ट्वीट के जरिए अपने मनोभाव का इजहार कुछ इस तरह कर रहे हैं। दादरा नगर हवेली में शिवसेना की जीत का श्रेय संजय राउत को दिया जा रहा है।
दिल्ली की तरफ लंबी छलांग के मायने
संजय राउत का कहना है कि महाराष्ट्र के बाहर पहला कदम, दादरा नगर हवेली के जरिए दिल्ली की तरफ लंबी छलांग। अब सवाल यह है कि उनके इस बयान का मतलब क्या है। दरअसल संजय राउत के बारे में कहा जाता है कि वो पार्टी नेतृत्व को यह समझाने में कामयाब रहे हैं कि शिवसेना को धीरे धीरे ही सही महाराष्ट्र के बाहर भी पांव पसारने चाहिए। राउत की रणनीति का फायदा पार्टी को गोवा और कर्नाटक में संगठन बनाने में मिला है। इसके अलावा उद्धव ठाकरे के अयोध्या आने के पीछे भी उनकी ही रणनीति बताई जाती है।
दादरा नगर हवेली की जीत क्यों है खास
अब बात करते हैं कि दादरा नगर हवेली सीट के बारे में। शिवसेना की इस सीट पर जीत इसलिए खास है क्योंकि यह महाराष्ट्र की सीमा से बाहर है। इसका अर्थ यह भी है कि शिवसेवा अब जोर शोर से इस बात का प्रचार कर सकेगी उसका प्रभाव क्षेत्र महाराष्ट्र तक ही सीमित नहीं है। इसके अलावा जिस तरह से प्रत्याशी चयन किया गया वो भी इस मायने में महत्वपूर्ण है कि शिवसेना कर्मठ लोगों को मौका देने से नहीं चुकती है,इससे कार्यकर्ताओं में संदेश जाएगा कि जमीनी काम का फायदा पार्टी देती है। इसके अलावा अगले साल गुजरात में विधानसभा का चुनाव होना है। दादरा नगर हवेली की जीत से शिवसेना के पास विधानसभा चुनाव में भी ताल ठोंकने का मौका आ गया है। यदि ऐसा होता है तो बीजेपी को मुश्किलों का सामना कर पड़ सकता है।
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