कौन हैं गीता गोपीनाथ, जिनकी अमिताभ बच्चन ने हाल ही में की तारीफ तो सोशल मीडिया पर होने लगी आलोचना

देश
श्वेता कुमारी
Updated Jan 27, 2021 | 12:16 IST

गीता गोपीनाथ की गिनती दुनिया के प्रमुख अर्थशास्त्रियों में होती है। उन्‍होंने स्‍नातक और मास्‍टर तक की पढ़ाई भारत से ही की, जिसके बाद वह अमेरिका चली गईं। वह हावर्ड यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर भी रह चुकी हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गीता गोपीनाथ
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ गीता गोपीनाथ  |  तस्वीर साभार: Twitter

नई दिल्‍ली : तारीफ भला किसे अच्‍छी नहीं लगती। लेकिन कई बार यह विवादास्‍पद हो जाती है। कुछ लोगों को तारीफ करने का अंदाजा भाता नहीं है और वे इसकी आलोचना करने और खुलकर इस बारे में बोलने से गुरेज नहीं करते। हाल ही में ऐसा ही एक नाम गीता गोपीनाथ का सामने आया, जिनकी 'महानायक' अमिताभ बच्‍चन ने जब तारीफ की तो सोशल मीडिया पर उसे लेकर बहस छिड़ गई। कुछ लोगों ने इसे सकारात्‍मक ढंग से लिया तो बड़ी संख्‍या लोगों ने इसकी आलोचना भी की है। अब सवाल है कि कौन हैं गीता गोपनाथ, जिनकी तारीफ पर अमिताभ बच्‍चन को आलोचना झेलनी पड़ गई।

गीता गोपीनाथ वर्ष 2019 से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की प्रमुख अर्थशास्‍त्री हैं। इससे पहले वह हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में इंटरनेशनल स्टडीज ऑफ इकनॉमिक्स में प्रोफेसर रह चुकी हैं। उनकी गिनती दुनिया के प्रमुख अर्थशास्त्रियों में होती है। उन्होंने इंटरनेशनल फाइनेंस और मैक्रो-इकनॉमिक्स में रिसर्च भी किया है। आईएमएफ की चीफ इकनॉमिस्‍ट के तौर पर उनकी नियुक्ति का ऐलान 2018 में तत्‍कालीन आईएमएफ प्रमुख क्रिस्टीन लेगार्ड ने किया था, जिन्‍होंने गीता गोपीनाथ को दुनिया के बेहतरीन अर्थशास्त्रियों में से एक बताते हुए कहा था कि उनके पास शानदार अकादमिक ज्ञान, बौद्धिक क्षमता और व्यापक अंतरराष्ट्रीय अनुभव है।

भारत से की मास्‍टर तक की पढ़ाई

गीता गोपीनाथ अब हालांकि अमेरिका की निवासी हैं, पर भारत से उनका करीब का नाता है। उनका जन्‍म केरल के कुन्‍नूर में हुआ था और उन्‍होंने शुरुआती शिक्षा यहीं से पूरी की। बाद में उन्‍होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज से अर्थशास्त्र में ऑनर्स की पढ़ाई की। उन्‍होंने 1992 में यहां से ऑनर्स किया और फिर दिल्ली स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में ही मास्टर की पढाई पूरी की। इसके बाद 1994 में वह वाशिंगटन यूनिवर्सिटी चली गईं। साल 1996 से 2001 तक उन्होंने प्रिंसटन यूनिवर्सिटी से अर्थशास्त्र में शोधकार्य किया और इस तरह उनकी पीएचडी पूरी हुई।

अकादम‍िक क्षेत्र में गीता की प्रगति जारी थी। वर्ष 2001 से 2005 तक वह शिकागो यूनिवर्सिटी में असिस्टेंट प्रोफेसर रहीं, जिसके बाद उन्‍होंने हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में असिस्‍टेंट प्रोफेसर के तौर पर ज्‍वाइन किया। अगले पांच वर्षों में यानी 2010 में वह इसी यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर बन गईं। व्यापार एवं निवेश, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय संकट, मुद्रा नीतियां, कर्ज और उभरते बाजारों की समस्याओं पर उन्‍होंने लगभग 40 शोध-पत्र भी लिखे हैं। बीते साल वह एक इंटरव्‍यू को लेकर भी सुर्खियों में रहीं, जिसमें उन्‍होंने वैश्विक आर्थिक विकास में गिरावट के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था। उन्‍होंने 2016 में सरकार के नोटबंदी के फैसले को भी आर्थिक विकास के लिहाज से नकारात्‍मक बताया था।

क्‍या है ताजा मामला?

गीता गोपीनाथ एक बार फिर चर्चा में हैं, लेकिन इस बार उनके सुर्खियों में होने की वजह आर्थिक मामलों को लेकर दी गई उनकी कोई टिप्‍पणी नहीं, बल्कि उनकी तारीफ है, जिसके लिए अमिताभ को सोशल मीडिया पर आलोचना झेलनी पड़ी। गीता गोपीनाथ ने खुद एक वीडियो शेयर किया, जिसमें अमिताभ बच्‍चन मशहूर टीवी शो केबीसी में एक प्रतिभागी से उनके बारे में पूछते नजर आ रहे हैं। इसमें वह कहते सुने जा रहे हैं, 'इतना खूबसूरत चेहरा है इनका, इकॉनमी के साथ कोई जोड़ ही नहीं सकता।' वीडियो शेयर करते हुए गीता गोपीनाथ ने यह भी लिखा कि बिग बी की प्रशंसक होने के नाते यह उनके लिए बेहद खास है।

गीता गोपीनाथ भले अमिताभ बच्‍चन द्वारा अपनी तारीफ से खुश नजर आईं, लेकिन कुछ लोगों को 'महानायक' का अंदाज पसंद नहीं आया और उन्‍होंने इसे 'सेक्सिस्ट' यानी महिलाओं के प्रति पूर्वाग्रह से भरा बताया। सोशल मीडिया पर बहुत से यूजर्स ने लिखा कि उन्‍हें 'ब्यूटी विद ब्रेन' वाला अमिताभ बच्‍चन का यह कमेंट बिल्कुल पसंद नहीं आया, जो कहीं न कहीं यह इशारा करता है कि खूबसूरत महिलाएं अर्थशास्त्री नहीं हो सकतीं। यह बेहद मूर्खतापूर्ण है। हालांकि बढ़ते विवाद के बीच अमिताभ बच्‍चन ने गीता गोपीनाथ के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्‍होंने जो कुछ भी कहा, वह इमानदारी से कहा।
 

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