नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि शुक्रवार रात करीब 8:45 बजे ग्लोबल आयुर्वेद फेस्टिवल को संबोधित किया। आयुर्वेद और चिकित्सा के पारंपरिक रूपों को आगे बढ़ाने के लिए यह महोत्सव एक सराहनीय प्रयास है। बता दें कि भारत की पारंपरिक चिकित्सा पद्धति पर पीएम मोदी खुद बहुत जोर देते हैं। वो कोविड काल में इस पद्धति के बारे में बताया कि किस तरह से शरीर पर हानिकारक प्रभाव डाले यह हमारे लिए लाभदायक सिद्ध हो सकती है। भारत इस पद्धति के जरिए ना केवल व्यावसायिक रूप से आगे बढ़ सकता है बल्कि मेडिकल क्षेत्र में देश अपने पुराने गौरव को हासिल भी कर सकता है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि लोग आयुर्वेद के लाभों और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में इसकी भूमिका को महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा स्थिति आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा को और भी अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए अनुकूल है।
‘ग्लोबल आयुर्वेद फेस्टिवल 2021’ के चौथे संस्करण का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा कि आयुर्वेद को एक समग्र मानव विज्ञान के रूप में वर्णित किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय संस्कृति प्रकृति और पर्यावरण को जो सम्मान देती है, उससे आयुर्वेद का गहरा नाता है। इसे पौधों से लेकर आपकी प्लेटों तक एक समग्र मानव विज्ञान के रूप में वर्णित किया जा सकता है।मोदी ने कोविड-19 महामारी के संदर्भ में कहा कि वर्तमान स्थिति आयुर्वेद और पारंपरिक चिकित्सा को वैश्विक स्तर पर और भी अधिक लोकप्रिय बनाने के लिए उपयुक्त है।
उन्होंने कहा, ‘‘आयुर्वेद को लोकप्रिय बनाने के लिए धन्यवाद...कोरोना संकट के वक्त हमें लोक कल्याण का अवसर नहीं खोना चाहिए। आज युवा आयुर्वेदिक उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला का उपयोग कर रहे हैं। यह साक्ष्य आधारित चिकित्सा विज्ञान के साथ आयुर्वेद को एकीकृत करने की चेतना है।’’मोदी ने कहा, ‘‘सरकार की ओर से मैं आयुर्वेद की दुनिया को पूरा समर्थन देने का भरोसा देता हूं। भारत ने राष्ट्रीय आयुष मिशन की स्थापना की है। आयुष चिकित्सा प्रणालियों को बढ़ावा देने के लिए राष्ट्रीय आयुष मिशन शुरू किया गया है, जिसमें किफायती आयुष सेवाएं हैं।उन्होंने यह भी बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत में ‘ग्लोबल सेंटर फॉर ट्रैडिशनल मेडिसिन’ की स्थापना की भी घोषणा की है।
वैश्विक आयुर्वेद महोत्सव (जीएएफ) डिजिटल हो रहा है, आयुर्वेद समुदाय का दुनिया का सबसे बड़ा त्योहार है। CISSA द्वारा हाई-एंड ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म में आयोजित यह कार्यक्रम, सभी घटकों को ले जाएगा, जैसा कि पहले GAF में एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी, एक्सपो, बिजनेस मीट सहित, एक विस्तारित अवधि के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों को देखने के अतिरिक्त प्रावधान के साथ है।
हम आशा करते हैं कि आयुर्वेद में यह अब तक का सबसे बड़ा ऑनलाइन कार्यक्रम होगा, और हम 12-19 मार्च 2021 के लिए निर्धारित GAF के लिए आपके समर्पित समर्थन की सराहना करते हैं। साथ ही, आइए हम इसे आयुर्वेद में भारत के सबसे बड़े ऑनलाइन कार्यक्रम में से एक बनाते हैं।
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