Global AYUSH Investment & Innovation Summit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के गांधी नगर में विश्व आयुष निवेश एवं इन्नोनवेश सम्मेलन (Global AYUSH Investment & Innovation Summit) का उद्घाटन किया। इस मौके पर मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद्र कुमार जगन्नाथ और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के महानिदेशक डॉ. टेड्रोस घेब्रेयसस (Dr.Tedros Ghebreyesus) उपस्थित थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान कहा कि सम्मेलन का विचार कोविड-19 महामारी के दौरान आया जब आयुष लोगों की इम्युनिटी में सुधार का बड़ा जरिया बना और लोगों में आयुष उत्पादों के प्रति रूचि और मांग बढ़ी। आयुष की बढ़ती लोकप्रियता का प्रमाण है कि जो आयुष सेक्टर 2014 में 3 अरब डॉलर से भी कम आकार का था, आज वह बढ़कर 18 अरब डॉलर से अधिक का हो गया है।
इस सम्मेलन में प्रधानमंत्री ने आयुष को लेकर भारत सरकार के विजन का भी खाका पेश किया। जिसमें उनका फोकस नए निवेश, निर्यात के लिए बाजार और वैश्विक मानकों पर आधारित आयुष उत्पादों के निर्माण पर है। इसके लिए चार बिंदुओं पर प्रमुख रूप से आने वाले दिनों में सरकार का फोकस होगा।
बनेंगे आयुष पार्क
देश में अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता वाले आयुष उत्पाद तैयार हो सकें और दुनिया भर से आने वाली मांग को पूरा किया जा सके। इसके लिए पूरे देश में आयुष पार्क बनाने की तैयारी है। जिसमें प्रमोशन, रिसर्च और मैन्युफैक्चरिंग पर बढ़ावा दिया जाएगा। इसके अलावा भारतीय मानक ब्यूरो के साथ मिलकर आयुष एक्सपर्ट, उत्पादों के लिए आईएसओ मानक (ISO Standard) तैयार कर रहे हैं। जिसके जरिए वैश्विक गुणवत्ता वाले आयुष उत्पाद तैयार किया जा सके।
आयुष आहार
वैश्विक स्तर पर आयुष उत्पादों की साख बनाने के लिए FSSAI ने 'आयुष आहार' नाम की एक नई कैटेगरी बनाई है। इस कदम से हर्बल पोषक तत्वों के उत्पादकों को विशेष फायदा देने की तैयारी। इसके लिए एक विशेष विशेष आयुष मार्क बनाया जाएगा। जो कि भारत में बने उच्चतम गुणवत्ता वाले आयुष उत्पादों पर लगाया जाएगा। आयुष मार्क होने से उत्पादों के प्रति भरोसा बढ़ेगा।
आयुष वीजा
इसी तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी ऐलान किया है कि आयुष उपचार पद्धति के लिए भारत आने वाले विदेशियों को अलग वीजा कैटेगरी के तहत वीजा दिया जाएगा। भारत सरकार अलग से आयुष वीजा कैटेगरी बनाएगी। इस कैटेगरी से भारत आने वाले विदेशियों को क्या फायदा मिलेगा, इसका अभी खुलासा नहीं हुआ है। लेकिन यह बात तो तय है कि सामान्य वीजा की तुलना में इस कैटेगरी से भारत आने वाले लोगों को विशेष सुविधाएं मिलेंगी।
150 देशों में निर्यात की तैयारी
भारत सरकार ने आयुष उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए भी अहम कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। इसके तहत 50 देशों के साथ आयुष दवाओं को मान्यता देने के लिए समझौता किया गया है। इसके लिए वैश्विक गुणवत्ता वाले उत्पादों के उत्पादन से सरकार की 150 देशों में आयुष उत्पादों के निर्यात की तैयारी है। इसके अलावा मेडिसिनल प्लांट्स की पैदावार से जुड़े किसानों को आसानी से मार्केट से जोड़ने के लिए सरकार आयुष ई-मार्केट प्लेस के आधुनिकीकरण और उसके विस्तार पर भी काम कर रही है।
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