नई दिल्ली : ग्लोबल साइबर सिक्योरिटी इंडेक्स में भारत अब 10वें स्थान पर है, जबकि इससे पहले यह 47वें स्थान पर था। संयुक्त राष्ट्र की ओर से की गई एक स्टडी में साइबर सिक्योरिटी के लिहाज से विभिन्न देशों की रैंकिंग की गई है, जिसमें चीन और पाकिस्तान क्रमश: 33वें और 79वें स्थान पर हैं।
साइबर सुरक्षा को लेकर संयुक्त राष्ट्र की ओर से की गई स्टडी को लेकर वैश्विक सूचकांक लिस्ट ऐसे समय में सामने आई है, जबकि मंगलवार को ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में साइबर सुरक्षा को लेकर पहली औपचारिक सार्वजनिक बैठक का आयोजन किया गया। भारत की ओर से इसमें विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने हिस्सा लिया और आतंकियों द्वारा साइबर स्पेस के दुरुपयोग को लेकर अंतराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान आकर्षित किया।
उन्होंने कहा, 'आतंकवादियों द्वारा अपने प्रचार को व्यापक बनाने और घृणा को भड़काने के लिए साइबर स्पेस का दुरुपयोग किया जाता है। आतंकवाद के शिकार के रूप में भारत ने हमेशा सदस्य देशों को साइबर डोमेन के आतंकवादी शोषण के प्रभावों से निपटने के लिए अधिक रणनीतिक रूप से आवश्यकता पर जोर दिया है।'
अंतर्राष्ट्रीय शांति एवं साइबर सुरक्षा के मसले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की एक बैठक में उन्होंने ने यह भी कहा कि राष्ट्रों के बीच डिजिटल गैप साइबर डोमेन में एक अस्थिर वातावरण बनाते हैं। उन्होंने कहा कि कोविड के बाद के युग में बढ़ती डिजिटल निर्भरता ने डिजिटल असमानताओं को उजागर किया है और इसे क्षमता निर्माण के माध्यम से पाटना चाहिए।
पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने कहा, 'कुछ देश अपने राजनीतिक और सुरक्षा संबंधी उद्देश्यों को प्राप्त करने और सीमा पार आतंकी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए साइबर स्पेस में अपनी विशेषज्ञता का फायदा उठा रहे हैं। जिन समाजों की प्रवृति खुली रही है, वे साइबर हमलों और दुष्प्रचार अभियानों के प्रति अधिक संवेदनशील हैं।'
उन्होंने कहा कि साइबरस्पेस की व्यापकता और इसकी सीमारहित प्रकृति वैश्विक नेटवर्क में हमें ताकत देने के साथ-साथ एक तरह की कमजोरी भी प्रदान करता है। वैश्विक स्तर पर साइबर स्पेस की सुरक्षा एकजुट होकर ही हासिल की जा सकती है।
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