नई दिल्ली : कई राज्यों के अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी की रिपोर्टें सामने आने पर सरकार ने इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है। सरकार ने गुरुवार को कहा कि देस में मेडिकल में इस्तेमाल होने वाले ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं है। सरकार ने कहना है कि मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन करने वाले संयंत्र पिछले दो दिनों से अपनी क्षमता का सौ फीसदी उत्पादन कर रहे हैं। सरकार ने कहा है कि राज्यों में ऑक्सीजन की होने वाली आपूर्ति में किसी तरह का अवरोध उत्पन्न न हो इसके लिए विशेष इंतजाम किए गए हैं।
ईजी-2 रखता है ऑक्सीजन सिलेंडर की उपलब्धता पर नजर
पिछले साल देश में कोरोना संकट बढ़ने और इलाज में ऑक्सीजन की बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने मार्च 2020 में कई मंत्रालयों, विभागों और अधिकारियों को मिलाकर एक उच्चाधिकार प्राप्त समूह का गठन किया। इस समूह को ईजी-1 नाम से जाना जाता है। यह समूह देश में मेडिकल ऑक्सीजन सहित इलाज में जरूरी मेडिकल उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करता है। पिछले एक वर्षों से यह समूह कोरोना महामारी से प्रभावित राज्यों में ऑक्सीजन सहित जरूरी मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति की निगरानी एवं उनकी उपलब्धता सुनिश्चित कराता आया है।
देश में रोजाना 7127 मीट्रिक टन का उत्पादन
समूह का कहना है कि इस समय देश में रोजाना करीब 7127 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन हो रहा है। जरूरत पड़ने पर स्टील संयंत्रों में बचत के रूप में रखे गए ऑक्सीजन का भी इस्तेमाल किया जा रहा है। देश के पास प्रतिदिन 7127 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का उत्पादन करने की क्षमता है और ईजी-2 के निर्देश पर संयंत्र पिछले दो दिनों से अपनी क्षमता का 100 फीसदी उत्पादन कर रहे हैं। समूह का कहना है कि इस समय मेडिकल ऑक्सीजन का सर्वाधिक इस्तेमाल महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, दिल्ली, छत्तीसगढ़, पंजाब और राजस्थान में हो रहा है।
50,000 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन का स्टॉक मौजूद
समूह के मुताबिक गत 12 अप्रैल को देश में मेडिकल ऑक्सीजन की खपत 3842 मीट्रिक टन थी। यह प्रतिदिन के उत्पादन का 54 प्रतिशत है। इसके अलावा देश के उत्पादन संयंत्रों के पास 50,000 मीट्रिक टन से ज्यादा ऑक्सीजन का स्टॉक मौजूद है। बता दें कि मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र सहित कई राज्यों ने अपने यहां ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी होने की बात कही है। रिपोर्टों के मुताबिक भोपाल के एक बड़े अस्पताल ने गंभीर रूप से बीमार मरीजों का इस्तेमाल करने से मना कर दिया। अस्पताल का कहना है कि मरीज के परिजनों को यह पहले से लिखकर देना होगा कि उन्हें अस्पताल में ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी के बारे में पता है। महाराष्ट्र के वसई-विरार क्षेत्र में भी ऑक्सीजन सिलेंडरों की कमी की बात सामने आ चुकी है।
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