नई दिल्ली। केरल में ओणम के बाद अचानक कोरोना के बढ़ते मामले ने केंद्र सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि अक्टूबर में कोरोना की तीसरी लहर अपने चरम पर पहुंच सकती है। मामले की गंभीरता और दूसरे लहर से मिले सबक को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने त्योहारों से पहले कई अहम कदम उठाने की तैयारी कर ली है। इसको लेकर बीते बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए इस बैठक में कई अहम कदम कदम उठाने का प्लान पेश किया गया है। जिसके तहत स्कूलों के शिक्षकों और उनके स्टॉफ को प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण करने की फैसला किया गया है।
31 अगस्त तक 2 करोड़ अतिरिक्त डोज
बैठक में यह फैसला किया गया है कि 27 अगस्त से 31 अगस्त तक प्राथमिकता के आधार पर 2 करोड़ वैक्सीन डोज स्कूल के शिक्षकों और उनके स्टॉफ को दी जाएगी। जिसमें सरकारी और प्राइवेट स्कूल दोनों को शामिल किया जाएगा। इसके लिए राज्य सरकारें यूडीआईएसई (एकीकृत जिला शिक्षा सूचना प्रणाली) डेटा का उपयोग कर सकती हैं। साथ ही वह राज्य शिक्षा विभागों, केंद्रीय विद्यालय संगठन, नवोदय विद्यालय संगठन आदि के साथ पूरी योजना बनाएं। जिससे ज्यादा से ज्यादा टीकाकरण किया जा सके। देश के कई राज्यों अब छठवीं कक्षा और उसके ऊपर की कक्षाओं के लिए स्कूल खुल गए हैं। इसलिए बच्चों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ने का खतरा है।
वैक्सीन की उपलब्धता
वैक्सीन की खुराक | (25 अगस्त, 2021 तक) |
कुल आपूर्ति | 58,07,64,210 |
राज्यों को भेजे जाने वाली खुराके | 51,48,970 |
राज्यों के पास बची खुराकें | 3,62,24,601 |
स्रोत: स्वास्थ्य मंत्रालय
केरल में एक दिन में 31 हजार मामले
ओणम त्योहार के बाद केरल में मामले बहुत तेजी से बढ़े हैं। कोविज-19 डॉट ओआर जी के अनुसार पिछले 24 घंटे में पूरे देश में 46280 नए संक्रमण के मामले सामने आए। जिसमें से अकेले केरल में 31455 मामले सामने आए हैं। मई के बाद पहली बार केरल में एक दिन में 30 हजार से ज्यादा मामले आए। राज्य के एर्नाकुलम, कोझिकोड, मलापुरम में सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं। इसी तरह केरल में पूरे देश में मौजूद 3.27 लाख सक्रिय मामलों में से 1.70 लाख केरल में सक्रिय मामले हैं।
दूसरी डोज के लिए खास तैयारी
बैठक में दूसरी खुराक की कवरेज बढ़ाने के लिए जिला स्तर पर एक निश्चित योजना बनाने पर जोर दिया गया है। राज्यों को सलाह दी गई है कि वे खास दिन, विशिष्ट टीकाकरण स्थलों और खास समय को हर दिन निर्धारित करने जैसी योजनाएं बनाएं। इसके अलावा टीकों की दूसरी खुराक को विशेष रूप से लगाने के लिए अलग कतार भी बनाई जाए। जिससे टीकाकरण ज्यादा से ज्यादा किया जा सके। राज्यों से उन जिलों की पहचान करने को भी कहा गया है, जिनका टीकाकरण राज्य के औसत से कम है और कहा गया कि इन जिलों की निगरानी करते हुए टीकाकरण में इजाफा किया जाए।
दवाओं का बफर स्टॉक रखा जाय
कोविड-19 के उपचार में इस्तेमाल दवाओं के पर्याप्त बफर स्टॉक को बनाए रखने के लिए राज्यों को कहा गया है। इसके तहत 8 दवाओं का खास तौर से बफर स्टॉक रखने पर खास जोर देने की बात कही गई है। साथ ही दूसरी लहर के दौरान दवाइयों के संकट को देखते हुए यह भी तय किया गया है, राज्य पहले से ही लगातार जरूरी दवाइओं की खरीदारी करते रहे, जिसे बफर स्टॉक बना रहे। सूत्रों के अनुसार केंद्र सरकार के तरफ से राज्यों को बताया गया है कि दवाओं के उत्पादन के 2-4 हफ्ते का समय उनकी डिलिवरी में लगता है। इस आधार पर वह जरूरी दवाइयों के स्टॉक की प्लानिंग करें।
25 अगस्त सुबह 7 बजे तक देश में टीकाकरण की स्थिति
स्वास्थ्य कर्मी | पहली खुराक | 1,03,54,325 |
दूसरी खुराक | 82,50,871 | |
फ्रंट लाइन वर्कर | पहली खुराक | 1,83,09,553 |
दूसरी खुराक | 1,27,11,166 | |
18-44 साल | पहली खुराक | 22,37,85,210 |
दूसरी खुराक | 2,11,94,373 | |
45-59 साल | पहली खुराक | 12,43,11,158 |
दूसरी खुराक | 4,99,65,293 | |
60 साल से अधिक | पहली खुराक | 8,40,42,537 |
दूसरी खुराक | 4,25,80,107 | |
कुल | 59,55,04,593 |
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