कोलकाता। पश्चिम बंगाल सरकार या यूं कहें कि सीएम ममता बनर्जी और राज्यपाल जगदीप धनकड़ के बीच तनातनी कोई नई बात नहीं हैं। वो अक्सर कानून व्यवस्था के मुद्दे पर ममता सरकार की घेरेबंदी करते हैं। हाल ही में जिस तरह से कूचबिहार में बीजेपी कार्यकर्ता की हत्या हुई उसके बाद जगदीप धनखड़ ट्वीट के जरिए उन पर निशाना साधते हुए कानून व्यवस्था बरकरार रहे उसके लिए वो कड़े फैसले लेने से नहीं चुकेंगे। सियासी हिंसा बर्दाश्त नहीं करूंगा, वहीं दूसरी तरफ ममता बनर्जी ने बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि चुनाव से पहले राज्य में बाहरी गुंडों को लाया जा रहा है, जो शांति भंग करने की फिराक में हैं।
डरपोक राज्य नहीं है बंगाल
राज्यपाल धनखड़ ने कहा कि राज्य में हिंसा के बिना एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव हो, ये सुनिश्चित करने के लिए मैं अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए सब कुछ करूंगा। उन्हें नतीजों से मतलब नहीं है, सिर्फ कानून और वोटर की संतुष्टि को कायम रखना है। लेकिन बीजेपी पर निशाना साधते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि बाहरी, गुंडों को शांति भंग करने के लिए चुनाव से पहले बंगाल लाया जा रहा है, इतना नहीं गिरना चाहिए। वो जनता के साथ हैं। कम से कम राज्यपाल को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होनें पुलिस को पुलिस को निर्देश दिया है कि आप पर कोई हमला ना करे। बंगाल डरपोक राज्य नहीं है।
बीजेपी और टीएमसी में जुबानी जंग
पश्चिम बंगाल में सियासी हिंसा पर बीजेपी, टीएमसी पर पहले से ही हमलावर है। बीजेपी के नेता बार बार कहते हैं कि टीएमसी के गुंडे प्रशासनिक मशीनरी के आड़ में हिंसा फैला रहे हैं। लेकिन टीएमसी का कहना है कि सरकार को बदनाम करने के लिए बीजेपी इस तरह का काम करा रही है। हाल ही में बंगाल बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले पर भी हमला हुआ था। बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि इस तरह की सरकार को अब सत्ता में बने रहने का हक नहीं है।
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