CDS: चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के लिए सेना के नियमों में हुआ बदलाव, 65 साल होगी अधिकतम उम्र सीमा

देश
Updated Dec 29, 2019 | 23:51 IST | टाइम्स नाउ डिजिटल

देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की घोषणा से ठीक पहले सरकार ने नियमों में महत्वपूर्ण संशोधन किया है और चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की अधिकतम उम्र सीमा 65 साल कर दी है।

Govt amends Army rules to allow chief of defence staff to serve till 65 years
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के लिए सेना के नियमों में हुआ बदलाव  |  तस्वीर साभार: BCCL
मुख्य बातें
  • पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की घोषणा से पहले सरकार ने नियमों में किए महत्वपूर्ण संशोधन
  • चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ अधिकतम 65 वर्ष तक पद पर रह सकते हैं
  • सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को भारत का पहला सीडीएस बनाए जाने की संभावना

नई दिल्ली: देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के ऐलान से ठीक पहले सरकार ने सेना के नियमों में बदलाव किया है। रक्षा मंत्रालय ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के 65 वर्ष की अधिकतम आयु सीमा तक सेवा देने के लिए नियमों में संशोधन किया है। इस संसोधन के बाद यदि आर्मी, नौसेना या वायुसेना प्रमुख में से किसी को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) के लिए चयनित किया जाता है तो उसकी रिटायरमेंट उम्र 65 साल होगी।

हालांकि अभी यह पता नहीं चल सका है कि सीडीएस के कार्यकाल की अवधि कितनी होगी। सीडीएस के पद से सेवानिवृत्त होने के बाद किसी भी सरकारी पद पर आसीन होने का लाभ नहीं मिलेगा। खबरों की मानें तो देश के पहले सीडीएस के रूप में सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की नियुक्ति हो सकती है जिसकी घोषणा मंगलवार तक हो सकती है। सीडीएस, सीओएससी के एक स्थायी अध्यक्ष के रूप में कार्य करेगा।

क्या है सीडीएस
स्वतंत्रता दिवस, 15 अगस्त 2019 को लाल किले से प्राचीर से भाषण देने के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी एक अहम घोषणा की थी। सेनाओं के बीच एक नए पद का ऐलान किया गया। यह पद चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) का है और इस पद पर बैठने वाला व्यक्ति तीनों सेनाओं का नेतृत्व करेगा। चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ भारत की तीनों सेनाओं थल सेना, नौसेना और वायुसेना के ऑपरेशन को एकीकृत करेगा। 

कुल मिलाकर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ के पद पर तैनात व्यक्ति युद्ध या युद्ध से संबंधित परिस्थितियों में एक साथ आसानी से एक से ज्यादा सेनाओं के इस्तेमाल को सुनिश्चित कर सकता है। उदाहरण के लिए सेना किसी मोर्चे पर लड़ रही हो और अगर उसे वायुसेना की मदद लेनी हो तो बिना देरी किए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ इस बारे में फैसला कर सकता है। 

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