नई दिल्ली : कांग्रेस नेता केसी वेणुगोपाल ने बुधवार कहा कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने इस बात की जानकारी दी है कि चीन की कंपनी द्वारा राजनीतिज्ञों सहित भारतीय नागरिकों की निगरानी किए जाने की रिपोर्टों को सरकार ने संज्ञान में लेते हुए विशेषज्ञों की एक समिति गठित की है और यह समिति अपनी रिपोर्ट 30 दिनों में सौपेंगी। वेणुगोपाल ने अपने एक ट्वीट में कहा, 'चीनी कंपनी की जासूसी मामले में शून्य काल के मेरे प्रश्न के जवाब में विदेश मंत्री ने हमें बताया है कि सरकार ने इस निगरानी मामले को गंभीरता से लिया है। इस जासूसी/निगरानी मामले की जांच के लिए सरकार ने विशेषज्ञों की एक समिति बनाई है जो अपनी रिपोर्ट 30 दिनों के भीतर देगी। हम इस मामले में तेजी से कार्रवाई होते देखना चाहते हैं।'
सीपीसी से कंपनी के करीबी संबंध होने का दावा
एक समाचार पत्र की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन की कंपनी झेन्हुआ ने राजनीतिज्ञों सहित अन्य क्षेत्रों से जुड़े हस्तियों की निगरानी करते हुए उनसे जुड़े डाटा एकत्र किया है। बताया जाता है कि इस यह कंपनी के चीन की कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीसी) के साथ करीबी संबंध हैं। ऐसे में अटकलें हैं कि इस कंपनी ने निगरानी के आंकड़ों को सीपीसी तक पहुंचाया होगा। यह मामला सामने आने के बाद कांग्रेस ने सरकार पर हमला तेज कर दिया है।
सरकार ने मामले की जांच के लिए बनाई समिति
मामले में विपक्ष के हमलावर होने के बाद सरकार हरकत में आई है और उसने राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा कोऑर्डिनेटर के तहत विशेषज्ञों की एक समिति का गठन किया है। यह समिति झेन्हुआ द्वारा भारतीय नागरिकों की निगरानी किए जाने संबंधी रिपोर्टों की जांच करेगी। सूत्रों का कहना है कि विदेश मंत्री ने इस कथित जासूसी मामले को चीन के राजदूत सुन वेडॉन्ग के साथ उठाया है। बताया जाता है कि यह समिति इन रिपोर्टों के निहितार्थों की भी जांच करेगी।
सूत्रों को कहना है कि सरकार काफी गंभीर है
समिति यह देखेगी कि क्या इससे किसी कानून का उल्लंघन तो नहीं हुआ है। इन सबकी जांच करने के बाद वह 30 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। सूत्रों का कहना है कि अपने नागरिकों से जुड़े निजी डाटा तक एक विदेशी कंपनी की पहुंच होने की रिपोर्टों को सरकार ने काफी गंभीरता से लिया है।
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