नई दिल्ली : सरकार ने गुरुवार को सोशल मीडिया ट्विटर के सीईओ जैक डोरसी को पत्र लिखकर भारतीय संप्रभुता के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ करने पर सख्त नाराजगी जाहिर की। सरकार ने ट्विटर को आगाह करते हुए कहा कि 'देश की संप्रभुता एवं अखंडता के साथ खिलवाड़ करने की ट्टिटर की कोई कोशिश पूरी तरह से अस्वीकार्य है।' पत्र में ट्विटर को याद दिलाया गया है कि लेह भारत का अभिन्न हिस्सा है। ट्विटर के प्रवक्ता ने पत्र मिलने की बात स्वीकार की है। प्रवक्ता की तरफ से कहा गया है कि ट्विटर भारत सरकार के साथ मिलकर काम करने को प्रतिबद्ध है। हम मामले की गंभीरता की सम्मान करते हैं।
आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स मंत्रालय के सचिव ने लिखा पत्र
रिपोर्टों के मुताबिक आईटी एवं इलेक्ट्रानिक्स मंत्रालय के सचिव अजय साह्वने ने माइक्रो-ब्लॉगिंग सोशल मीडिया को भारतीय नागरिकों की संवेदनशीलता का सम्मान करने के लिए कहा है। उन्होंने अपने पत्र में कहा, 'भारत की संप्रभुता एवं अखंडता के साथ खिलवाड़ करने की ट्विटर की कोई कोशिश, जो कि नक्शे के गलत प्रदर्शन से जाहिर हुआ है, पूरी तरह से अस्वीकार्य है। ऐसा करना गैर-कानूनी भी है।'
लेह को चीन का हिस्सा बताया था
बता दें कि ट्विटर ने जम्मू-कश्मीर के लेह का जिओ-लोकेशन पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का बताया है। ट्विटर के इस जिओ-लोकेशन के मुताबिक लेह चीन का हिस्सा है। भारत में इसका विरोध होने पर ट्विटर ने बयान जारी किया और कहा कि तकनीकी गलती की वजह से ऐसा हुआ और उसने अपनी गलती सुधार ली है।
ट्विटर को याद दिलाया-लेह भारत का अभिन्न हिस्सा
पत्र में अजय ने ट्विटर को याद दिलाया है कि लेह, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख का मुख्यालय है। लद्दाख और जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न एवं कभी अलग न होने वाले हिस्से हैं। इन दोनों क्षेत्रों पर भारतीय संविधान के तहत प्रशासन होता है। ट्विटर को आगाह करते हुए सरकार ने कहा है कि इस तरह के कदम से न केवल माइक्रो-ब्लागिंग साइट के प्रति लोगों का सम्मान कम होगा बल्कि इससे उनकी निष्पक्षता एवं तटस्थता पर भी सवाल उठेंगे।
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