गुजरात में 'नई राजनीति' का आगाज! क्‍या कहता है निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन?

देश
श्वेता कुमारी
Updated Feb 27, 2021 | 22:42 IST

गुजरात में नगर निकाय के चुनाव में यूं तो बीजेपी को शानदार जीत हासिल हुई है, लेकिन आम आदमी पार्टी को मिली 'अच्‍छी शुरुआत' ने सियासी पंडितों को भी हैरान किया है।

गुजरात में 'नई राजनीति' का आगाज! क्‍या कहता है निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन?
गुजरात में 'नई राजनीति' का आगाज! क्‍या कहता है निकाय चुनाव में आम आदमी पार्टी का प्रदर्शन?  |  तस्वीर साभार: ANI

अहमदाबाद : गुजरात के नगर निकाय चुनाव में यूं तो बीजेपी को एकतरफा जीत मिली है, जो राज्‍य की सत्‍ता में बीते करीब दो दशकों से सत्‍तासीन है, लेकिन इस चुनाव के नतीजों ने उसके लिए कुछ हद तक ही सही चुनौतियां भी पैदा कर दी है। वहीं कांग्रेस के लिए भी मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही है, जिसने विधानसभा चुनाव में अपने अपेक्षाकृत बेहतर प्रदर्शन से राज्‍य में 'बदलाव' को लेकर लोगों में एक उम्‍मीद जगाई थी।

सूरत नगर निगम के चुनाव नतीजों की चर्चा बीजेपी की शानदार जीत को लेकर तो है ही, आम आदमी पार्टी (AAP) का आगाज भी कुछ ऐसा रहा कि उसने हर किसी का ध्‍यान खींचा है। बीजेपी भले ही इसे तवज्‍जो नहीं देने की बात कहे, पर पार्टी के खेमे में बेचैनी तो है ही। ऐसे में सबकी नजरें अब डेढ़ साल बाद ही यहां होने जा रहे विधानसभा चुनाव पर भी टिकी है, जिसमें आप ने पहले ही मैदान में उतरने का ऐलान कर दिया है।

गुजरात में 'नई राजनीति' का आगाज!

सूरत महानगरपालिका की 120 सीटों में से बीजेपी के खाते में 93 सीटें गई हैं, जबकि आप ने 27 सीटें जीती हैं। इसके साथ ही वह यहां मुख्य विपक्षी पार्टी बन गई है, जबकि कांग्रेस यहां अपना खाता भी खोलने में नाकाम रही। आप के संयोजक और दिल्‍ली के मुख्‍यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे गुजरात में 'नई राजनीति' की शुरुआत करार देते हुए शुक्रवार को सूरत में रोड शो भी किया, जिसमें हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए।

यहां कांग्रेस की हार का सीधा फायदा आम आदमी पार्टी को मिलता नजर आ रहा है। ऐसे में कांग्रेसी खेमे में निराशा स्‍वाभाविक है। खास तौर पर ऐसे में जबकि 2022 के आखिर में गुजरात में विधानसभा का चुनाव होना है, कांग्रेस के लिए ये नतीजे चिंतित करने वाले हैं। लेकिन सूरत में आम आदमी पार्टी के उदय से बड़ा झटका बीजेपी को भी लगा है, जो यहां की सत्‍ता में बीते दो दशकों से मजबूती से बनी हुई है।

बीजेपी के किले में सेंध!

कई विशेषज्ञों का मानना है कि सूरत में आप को न केवल कांग्रेस का वोट शेयर मिला है, बल्कि उसके उदय से बीजेपी को भी नुकसान हुआ है। इसके पीछे एक महत्‍वपूर्ण दलील यह दी जा रही है कि आप ने जिस इलाके में जीत दर्ज की है, उसे बीजेपी का गढ़ माना जाता है। सूरत में मिली जीत पर आम का ट्वीट भी कुछ इसी अंदाज में आया, जिसमें कहा गया कि आप ने बीजेपी के किले में सेंध लगा दी है।

सूरत में मिली जीत से उत्‍साहित आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यहां रोड शो कर अपने इरादे साफ कर दिए हैं और कहा कि उनकी पार्टी गुजरात में भी दिल्‍ली जैसी 'क्रांति' करने के लिए तैयार है। बहरहाल, गुजरात में होने वाले आगामी चुनावों में आप का प्रदर्शन कैसा होता है, यह देखने वाली बात होगी। यह भी वक्‍त ही बताएगा कि दिल्‍ली में 'क्रांति' कर देने पार्टी गुजरात में किस हद तक सफलता हासिल कर पाती है।

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