गुजरात में एक शहीद के परिवार ने शौर्य चक्र को यह कहते हुए वापस लौटा दिया कि उनके बेटे की शहादत का अपमान न हो। यह शौर्य चक्र कूरियर से भेजा गया था, जिसे देखकर शहीद के माता-पिता भड़क गए और उन्होंने इसे स्वीकार करने से मना कर दिया।
क्या है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला शहीद लांस नायक गोपाल सिंह भदौरिया के परिवार से जुड़ा हुआ है। 33 साल की उम्र में जम्मू-कश्मीर के कुलगाम जिले में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ के दौरान भदौरिया शहीद हो गए थे। उनकी शहादत से पहले ही पत्नी के साथ विवाद चल रहा था। 2007 में गोपाल सिंह की शादी हुई थी और वो 2011 से अलग रह थे। कोर्ट में भी मामला चला था। इसी बीच 2017 में गोपाल सिंह शहीद हो गए। अब तलाक तो हुआ नहीं था इसलिए शहीद होने के बाद मिलने वाले लाभ को लेकर उनकी पत्नी और परिवार के बीच विवाद छिड़ गया। 2021 में कोर्ट के जरिए समझौता हुआ। समझौते के तहत माता-पिता को वीरता पुरस्कार लेने का हक मिला और बाकि लाभ में 50-50 का बंटवारा तय हुआ।
विवाद के कारण देरी
लांस नायक गोपाल सिंह भदौरिया को शौर्य 2018 में देने का फैसला किया गया था, लेकिन विवाद के कारण नहीं मिला। विवाद जब सुलझा तो ये शौर्य पदक कूरियर के जरिए भेज दिया गया। जिसे लेकर उनका परिवार नाराज हो गया।
माता-पिता ने क्या कहा
गोपाल के माता-पिता ने अब राष्ट्रपति से सम्मान की मांग करते हुए वीरता पदक लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा- "हम कूरियर द्वारा शौर्य चक्र स्वीकार नहीं करेंगे। इसे राष्ट्रपति द्वारा प्रोटोकॉल के अनुसार प्रदान किया जाना चाहिए। हमें 5 सितंबर को शाम 5 बजे एक पार्सल मिला, जिस पर वीरता पुरस्कार का लेबल था। मैंने पार्सल नहीं खोला और तुरंत लौटा दिया।"
उनके परिवार ने कहा- "मेरे मन में सेना के लिए पूरा सम्मान है। यह सिर्फ यह सुनिश्चित करने के बारे में है कि मेरे बेटे को उसका हक मिले और उसके बलिदान के लिए उसका सम्मान किया जाए।"
मुंबई हमले के दौरान उत्कृष्ट सेवा
लांस नायक गोपाल को मुंबई में 26/11 के आतंकी हमलों के दौरान उनकी सेवा के लिए विशिष्ट सेवा पदक से भी सम्मानित किया गया था। आतंकवादियों की भारी गोलीबारी के बीच भदौरिया घायल सूबेदार मेजर को ताज होटल से बाहर ले गए थे।
Times Now Navbharat पर पढ़ें India News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।