गुजरात दंगा मामला: तीस्ता सीतलवाड़ 2 जुलाई तक पुलिस रिमांड पर, बेगुनाह लोगों को फंसाने का आरोप

गुजरात के सांप्रदायिक दंगों के मामले बेगुनाह लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़कर कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग के आरोप में गिरफ्तार  तीस्ता सीतलवाड़, पूर्व आईपीएस अफसर आरबी श्रीकुमार को कोर्ट के सामने पेश किया गया। कोर्ट ने दोनों के पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

Gujarat riots case: Teesta Setalvad on police remand till July 2, accused of implicating innocent people
सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़  |  तस्वीर साभार: ANI

अहमदाबाद : 2002 के गुजरात के सांप्रदायिक दंगों के मामले बेगुनाह लोगों को फंसाने के लिए सबूत गढ़कर कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के आरोप में सामाजिक कार्यकर्ता तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व आईपीएस अफसर आरबी श्रीकुमार को रविवार को अहमदाबाद की एक अदालत में पेश किया गया। , क्राइम ब्रांच के एसीपी चुडासमा ने बताया कि हमें 2 जुलाई तक उनका रिमांड दिया गया है। और लोग शामिल हैं या नहीं, रिमांड के दौरान कई चीजों की जांच की जाएगी।

इससे पहले दिन में अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सीतलवाड़ को गिरफ्तार कर लिया। एक दिन पहले उन्हें मुंबई से हिरासत में लिया गया था और गुजरात लाया गया था। गुजरात के पूर्व पुलिस महानिदेशक (DGP) श्रीकुमार को शनिवार को गिरफ्तार किया गया था जबकि संजीव भट्ट को हिरासत में लेने के वास्ते स्थानांतरण वारंट हासिल करने की प्रक्रिया चल रही है। वह हिरासत में मौत के मामले में पालनपुर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं। तीस्ता सीतलवाड़ और पूर्व आईपीएस अफसरों आरबी श्रीकुमार एवं संजीव भट्ट के खिलाफ दर्ज मामले की तफ्तीश विशेष जांच दल (एसआईटी) करेगा जिसके प्रमुख गुजरात के आतंकवाद रोधी दस्ते (एटीएस) के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) होंगे।

अहमदाबाद की क्राइम ब्रांच ने शनिवार को सीतलवाड़, श्रीकुमार और भट्ट के खिलाफ FIR दर्ज की थी। इससे एक दिन पहले 2002 में गोधरा की घटना के बाद भड़के दंगों में तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को SIT द्वारा दी गई क्लिन चिट को चुनौती देने वाली याचिका शीर्ष अदालत ने खारिज कर दी थी।

कोर्ट ने कहा कि अंतत: हमें प्रतीत होता है कि गुजरात सरकार के असंतुष्ट अधिकारियों के साथ-साथ अन्य लोगों का एक संयुक्त प्रयास (इस प्रकार के) खुलासे करके सनसनी पैदा करना था, जबकि उनकी जानकारी झूठ पर आधारित थी। सीतलवाड, श्रीकुमार और भट्ट के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धाराओं 468, 471, 194, 211, 218 और 120 (बी) के तहत FIR दर्ज किए गए हैं। तीनों पर आरोप है कि उन्होंने गुजरात में हुए दंगों के सिलसिले में ऐसे मामलों में बेगुनाह लोगों को फंसाने की कोशिश के तहत सबूत गढ़ने की साजिश रचकर कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया जिनमें मौत की सजा का प्रावधान है।

अधिकारी ने बताया कि एसआईटी के प्रमुख गुजरात एटीएस के डीआईजी दीपन भद्रन होंगे और उसमें अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के डीसीपी और गुजरात एटीएस में एसपी सदस्य के तौर पर होंगे। डीआईजी भद्रन ने बताया कि जांच में अहमदाबाद विशेष अभियान समूह (एसओजी) में एसीपी मदद करेंगे।

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