नई दिल्ली : पूर्व केंद्रीय मंत्री और समाजवादी नेता शरद यादव ने शुक्रवार को राहुल गांधी की मौजूदगी में उनसे कहा कि उन्हें एक बार फिर से कांग्रेस अध्यक्ष बन जाना चाहिए। यादव से मुलाकात के लिए उनके आवास पर पहुंचे राहुल गांधी ने उन्हें अपना गुरू बताया, हालांकि अध्यक्ष बनने की सलाह पर कुछ भी स्पष्ट जवाब नहीं देते हुए सिर्फ यह कहा कि ‘यह देखने की बात है।’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शरद यादव से मुलाकात के बाद संवाददाताओं से कहा कि शरद यादव जी मेरे गुरू हैं, मैं अपने गुरू से मिलने आया था। इन्होंने राजनीति के बारे में मुझे बहुत कुछ सिखाया है। मुझे अच्छे लगते हैं। शरद जी लंबे समय से बीमार थे। मैं खुश हूं कि अब स्वस्थ हैं। शरद यादव ने कहा कि मैंने राहुल गांधी जी से सिर्फ यह कहा है कि वो कमजोर तबके जो कभी कांग्रेस के साथ थे, उनके बीच काम करके ही उन्हें वापस लाया जा सकता है। राहुल जी ऐसा कर सकते हैं।
हाल ही में अपनी पार्टी लोकतांत्रिक जनता दल का राष्ट्रीय जनता दल में विलय करने वाले यादव ने कहा कि राहुल गांधी से ज्यादा कोई भी दूसरा नेता उनसे मोहब्बत नहीं करता। यह पूछे जाने पर कि क्या राहुल गांधी को फिर से अध्यक्ष बन जाना चाहिए तो यादव ने कहा कि क्यों नहीं। उन्होंने कहा कि वह एकमात्र नेता हैं, जो 24 घंटे कांग्रेस के लिये सक्रिय रहते हैं, उन्हें अध्यक्ष बनाना चाहिए। यादव ने कहा कि कांग्रेस को इन्हें (राहुल को) अध्यक्ष बनाना चाहिए, तभी बड़े से बड़ा काम होगा।
इस पर राहुल गांधी ने कहा कि यह देखने की बात है। लेकिन जो यादव जी ने कहा है उससे मैं सहमत हूं कि देश में नफरत फैलाई जा रही है, देश को बांटा जा रहा है। हमें एक बार फिर से भाईचारा के पथ पर चलना है। राहुल गांधी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस देश में शांति और सद्भाव नहीं होगा कि वहां नफरत बढ़ेगी, महंगाई बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था नहीं चलेगी, रोजगार नहीं मिलेगा। अगर देश् को मजबूत बनाना है तो सबसे जरूरी चीज शांति है। भाजपा के लोग सोचते हैं कि लोगों को डराकर, नफरत फैलाकर और लोगों को मारकर हिंदुस्तान की अर्थव्यवस्था को मजबूत किया जा सकता है।
उन्होंने दावा किया कि देश के जो आर्थिक हालात हैं और रोजगार की हालत है, वो जो आगे आने वाला है, वो आपने अपनी पूरी जिंदगी में नहीं देखा होगा। देश में रोजगार का ढांचा टूट गया है। छोटे दुकानदार और असंगठित क्षेत्र हमारी रीढ़ की हड्डी हैं, इसे तोड़ दिया गया है। कांग्रेस नेता ने कहा कि प्रधानमंत्री बाहर के देशों को देखते हैं और कहते हैं कि हमें ऐसे बनना है। हमें सबसे पहले अपने देश की स्थिति देखनी है और फिर यह देखना होगा कि हमें क्या करना है।
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