नई दिल्ली: गुरुग्राम की एक जिला अदालत ने चीनी कंपनी अलीबाबा और उसके संस्थापक जैक मा को समन भेजा है। दरअसल, एक पूर्व कर्मचारी द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई है, जिसमें उसने आरोप लगाया है कि कंपनी के ऐप पर सेंसरशिप और फेक न्यूज पर आपत्ति जताने को लेकर उसे निकाल दिया गया था। अलीबाबा के यूसी वेब के पूर्व कर्मचारी पुष्पेंद्र सिंह परमार ने कहा कि कंपनी ने उस कंटेंट पर रोक लगा रखी थी, जो कि चीनी हितों के खिलाफ था। इसके अलावा उसके यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज ऐप ने 'सामाजिक और राजनीतिक अशांति' बनाने के लिए झूठी खबरें पोस्ट कीं।
अदालत के दस्तावेजों से पता चला कि अलीबाबा, जैक मा और लगभग एक दर्जन व्यक्तियों या कंपनी इकाइयों को एक समन जारी किया गया है, जिसमें उन्हें 29 जुलाई को अदालत में या वकील के माध्यम से उपस्थित होने के लिए कहा गया है। जज ने 30 दिनों के भीतर कंपनी और उसके अधिकारियों से लिखित जवाब भी मांगा है।
वकील अतुल अहलावत ने कहा, 'मेरे क्लाइंट पुष्पेंद्र सिंह परमार ने अलीबाबा ग्रुप के संस्थापक जैक मा के खिलाफ गलत तरीके से टर्मिनेशन के लिए दीवानी मुकदमा दायर किया है। वह अलीबाबा के यूसी वेब मोबाइल कंपनी के साथ एसोसिएट डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे थे। वह 2 करोड़ रुपए का मुआवजा मांगते हैं। गुरुग्राम जिला अदालत ने प्रतिवादियों को समन जारी किया है, जिसमें अलीबाबा ग्रुप के संस्थापक जैक मा शामिल हैं।'
15 जून को लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें 20 भारतीय जवान शहीद हो गए। इसके बाद भारत सरकार ने बड़ा फैसला करते हुए 59 चाइनीज ऐप्स पर रोक लगा दी, इसमें यूसी न्यूज और यूजी ब्राउजर भी शामिल हैं।
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