कोलकाता : पश्चिम बंगाल में आने वाले दिनों में केंद्र और ममता बनर्जी सरकार के बीच एक बार फिर तनातनी देखने को मिल सकती है। ताजा विवाद राज्यपाल जगदीप धनखड़ की अधिकारियों के साथ मुलाकात टालने पर खड़ा हो गया है। नॉर्थ और साउथ 24 परगना के अधिकारियों के साथ अपनी मुलाकात टाले जाने पर राज्यपाल ने इस कदम को 'असंवैधानिक' बताते हुए कहा है कि ऐसा लगता है कि 'राज्य में सेंसरशिप लागू' है। वहीं, भाजपा महासचिव एवं पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने मंगलवार को ममता बनर्जी पर निशाना साधा। विजयवर्गीय ने कहा कि ममता राज्य की मुख्यमंत्री हैं वह प्रधानमंत्री नहीं हैं।
नॉर्थ 24 परगना के जिले के अधिकारियों के साथ अपनी मुलाकात पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा, 'मेरी जिले के अधिकारियों के साथ मुलाकात पर 17 अक्टूबर को अधिसूचना जारी हुई थी। जिला अधिकारी ने जवाब दिया कि राज्य सरकार की अनुमति के बाद इस बारे में कार्यवाही की जाएगी। यह असंवैधानिक है। मैं राज्य सरकार के अधीन नहीं हूं।'
राज्यपाल ने मंगलवार को कहा कि 'ऐसा लगता है कि पश्चिम बंगाल में एक तरह की सेंसरसिप काम कर रही है।' बता दें कि जिले के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री के प्रशासनिक दौरे का हवाला देकर राज्यपाल धनखड़ से मिलने से इंकार कर दिया है। जिले के अधिकारियों द्वारा अपनी ओर से बुलाई गई बैठक में हिस्सा लेने से इंकार करने के कदम राज्यपाल ने 'असैंवधानिक' बताया है। धनखड़ ने अपनी मंगलवार से शुरू हो रही यात्रा के दौरान नॉर्थ एवं साउथ 24 परगना के चुने हुए प्रतिनिधियों, नौकरशाहों एवं जिला अधिकारियों से मिलने की इच्छा जताई थी
इस बीच मीडिया रिपोर्टों में राजभवन के सूत्रों के हवाले से कहा गया कि सोमवार शाम राज्यपाल कार्यालय को दो जिलाधिकारियों की ओर से भेजे गए पत्र मिले। इस पत्र में कहा गया कि अधिकारी राज्यपाल से मिल नहीं पाएंगे क्योंकि वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उत्तर बंगाल में जारी दौरे में व्यस्त रहेंगे। राज्यपालय ने समाचार एजेंसी पीटीआई से फोन पर कहा, 'जिला अधिकारियों की तरफ से पत्र पाकर मैं अचंभित हूं। मेरी मुलाकात का कार्यक्रम पहले से तय था। मुझे नहीं पता कि पश्चिम बंगाल में किसी प्रकार का सेंसरशिप काम कर रहा या नहीं।'
राज्यपाल के साथ अधिकारियों की मुलाकात न होने पर भाजपा नेता विजयवर्गीय ने ममता बनर्जी पर निशाना साधने में देरी की। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, 'ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री हैं। वह प्रधानमंत्री नहीं हैं। एनआरसी लागू करना है कि नहीं इस पर फैसला केंद्र सरकार को करना है। वह इतनी परेशान क्यों हैं? यदि सरकार एनआरसी लागू करने का फैसला लेती है तो वह कुछ करने की स्थिति में नहीं होंगी क्योंकि यह केंद्र का फैसला होगा।'
भाजपा नेता ने आगे कहा, 'पश्चिम बंगाल की सरकार ममता बनर्जी की सरकार है। पश्चिम बंगाल की सरकार संविधान के हिसाब से नहीं चलती। राज्य के राज्यपाल को यदि अनुमति लेनी पड़े तो इसका मतलब है कि ममता जी का कानून जो पश्चिम बंगाल में चलता है वह देश का कानून नहीं है।'
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