Gyanvapi Case Judge: वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर में फिर से सर्वे का आर्डर देने वाले सिविल जज रवि कुमार को अब अपने परिवार की सुरक्षा की चिंता सता रही है। रवि कुमार दिवाकर ने ये भी कहा कि साधारण से मामले को असाधारण बनाकर डर का माहौल बना दिया गया है। अपने आदेश में जज ने कहा कि डर का माहौल बनाया जा रहा है और वह अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।
दिवाकर ने कहा, 'इस दीवानी मामले को असाधारण मामला बनाकर भय का माहौल पैदा कर दिया गया है। डर इतना है कि मेरा परिवार हमेशा मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता है और मैं उनकी (परिवार की) सुरक्षा को लेकर चिंतित रहता हूं। जब भी मैं घर से बाहर रहता हूं तो बार-बार मेरी पत्नी को मेरी सुरक्षा की चिंता रहती है। कल, मेरी मां (लखनऊ में) से जब मेरी बातचीत हुई तो वो भी मेरी सुरक्षा के बारे में चिंतित दिखीं। मीडिया से मिली खबरों से उन्हें पता चला कि शायद मैं भी कमिश्नर के रूप में मौके पर जा रहा हूं और मेरी मां ने मुझसे कहा कि मैं मौके पर नहीं जाना चाहिए, क्योंकि इससे मेरी सुरक्षा को खतरा हो सकता है।'
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वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने ने ज्ञानवापी-शृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी-सर्वेक्षण करने के लिए अदालत द्वारा नियुक्त कोर्ट कमिश्नर को बदलने की मांग को खारिज कर दिया था। इसके साथ ही अदालत ने 17 मई तक सर्वे का काम पूरा कर रिपोर्ट सौंपने का भी निर्देश दिया। अपने फैसले में कोर्ट ने ये भी कहा कि ज्ञानवापी परिसर में सर्वे चाहे ताला खुलवाकर हो. या ताला तोड़कर। ये काम नहीं रुकना चाहिए। DGP और चीफ सेक्रेटरी को सर्वे प्रक्रिया की मॉनिटरिंग की जिम्मेदारी दी गई है।
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