नई दिल्ली: वाराणसी के ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी सर्वे के लिये एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किये गये अजय मिश्रा को उनके एक सहयोगी द्वारा मीडिया में खबरें लीक करने के आरोप में मंगलवार को स्थानीय कोर्ट ने पद से हटा दिया। सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय सिंह ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्रा को लापरवाही के आरोप में पद से हटा दिया है।
हालांकि मुस्लिम पक्ष के वकील अभय यादव ने बताया कि अजय मिश्रा अदालत के तमाम निर्देशों के बावजूद मीडिया में सूचनाएं लीक कर रहे थे, इसलिये अदालत ने सख्त रुख दिखाते हुए मिश्रा को एडवोकेट कमिश्नर पद से हटा दिया।
चीफ एडवोकेट कमिश्नर अजय मिश्र की निष्पक्षता पर सवाल उठ रहे हैं,कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को अपनी आपत्ति दर्ज कराने के लिए एक दिन की मोहलत दे दी है, मामले की अगली सुनवाई 19 मई को होगी।
गौरतलब है कि अजय मिश्रा के ही नेतृत्व में ज्ञानवापी श्रृंगार गौरी परिसर का वीडियोग्राफी सर्वे कार्य सोमवार को पूरा किया गया था। सर्वे के अंतिम दिन हिन्दू पक्ष ने दावा किया था कि मस्जिद के वजूखाने में एक शिवलिंग मिला है। मगर मुस्लिम पक्ष ने यह कहते हुए इस दावे को गलत बताया था कि मुगल काल की तमाम मस्जिदों में वजूखाने के ताल में पानी भरने के लिये नीचे एक फौव्वारा लगाया जाता था और जिस पत्थर को शिवलिंग बताया जा रहा है, वह फौव्वारे का ही एक हिस्सा है।
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