Mandir-Masjid Issues in India: उत्तर प्रदेश में वाराणसी में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने ज्ञानवापी शृंगार गौरी केस की विचारणीयता पर प्रश्न खड़े करने वाली मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज कर दी। साथ ही कहा कि वह देवी-देवताओं की रोज पूजा के अधिकार की गुजारिश वाली पीटिशन पर सुनवाई जारी रखेगी, जिनके विग्रह ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर हैं। वैसे, मुस्लिम पक्ष ने अदालत के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती देने का ऐलान किया। ऐसे में काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद विवाद फिर से सुर्खियों में आ गया।
वैसे, मंदिर और मस्जिद से जुड़ा इकलौता विवाद नहीं है। देश में इसके अलावा भी कई और जगह मस्जिदों को लेकर बड़ा विवाद है, जिनमें उत्तर प्रदेश के आगरा में ताज महल और मथुरा में ईदगाह मस्जिद भी शामिल हैं। आइए, जानते हैं इन विवादों से जुड़ी मोटा-मोटी बातें:
मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से यह मस्जिद सटी है। कहते हैं कि औरंगजेब ने यहां बने केशवनाथ मंदिर को खंडित कर उस जगह शाही ईदगाह मस्जिद (1669-1670 में) बनवाई थी।
सन 1408 में इब्राहिम शरीकी की बनवाई अटाला मस्जिद को लेकर कहा जाता है कि वह देवी मंदिर (गढ़ावला के राजा विजयचंद्र की ओर से बनवाया गया था) तोड़ने के बाद बनाई गई।
मुगल बादशाह शाहजहां ने 1632 से 1653 के बीच ताज महल बनवाया था। हालांकि, विभिन्न हिंदू संगठन दावा करते आए हैं कि वहां पर तेजो महालय नाम का बाबा शिव का मंदिर था, जिसे नष्ट कर यह निर्माण कराया गया था।
कुतुब मीनार कॉम्पलेक्स में कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद है। कहा जाता है कि इसे कुतुबुद्दीन ऐबक ने बनवाया था, पर दूसरा पक्ष यह भी कहता है कि मस्जिद 27 हिंदू मंदिरों और जैन मंदिरों को तोड़कर बनवाई गई थी।
1358 से 1390 के बीच पांडुआ में यह मस्जिद सिंकदर शाह ने बनवाई थी। कहा जाता है कि भोलेनाथ के आदिनाथ मंदिर को तोड़कर इसका निर्माण कराया गया था। कहते हैं कि मस्जिद के कई हिस्सों में हिंदू मंदिरों की आकृतियां और बनावट नजर आती है।
बीजा मंडल मस्जिद को लेकर कहा जाता रहा है कि यह जहां बनवाई गई, वहां पहले चर्चिका देवी के हिंदू मंदिर हुआ करते थे। इन मंदिरों को परमार राजाओं ने बनवाया था।
यह मस्जिद अक्सर विवादों में रहती है। ऐसा इसलिए, क्यों कि हिंदू पक्ष के लोग इसे भोजशाला बताते आए हैं। वे इसे ज्ञान और संगीत की देवी सरस्वती का पुराना मंदिर मानते हैं। हालांकि, मुस्लिम पक्ष इसके मस्जिद होने का दावा करता है।
अहमदाबाद की जामा मस्जिद को लेकर मान्यता है कि यह भद्रकाली के हिंदू मंदिर को तोड़कर बनाई गई। दरअसल, अहमदाबाद किसी जमाने में भद्र नाम से जाना जाता था।
पाटन जिला में जामी मस्जिद भी विवादों और सुर्खियों में बनी रहती है। कहते हैं कि वहां कभी रुद्र महालय मंदिर (12वीं सदी में शासक सिद्धराज जयसिंह द्वारा) था, जिसे तोड़ दिया गया था और फिर मस्जिद का निर्माण किया गया।
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