नई दिल्ली : कोरोना वायरस संक्रमण के बीच देश में एवियन एंफ्लुएंजा का खतरा मंडरा रहा है। यूं तो आम तौर पर इसका संक्रमण इंसानों में नहीं होता, लेकिन अगर होता है तो इसमें मौत का खतरा 60 फीसदी तक हो सकता है। दिल्ली में इस वायरस से संक्रमित 11 साल के बच्चे की मौत के बाद इसे लेकर खतरा बढ़ गया है। एम्स में बच्चे का इलाज करने वाले मेडिकल स्टाफ को आइसोलेट कर दिया गया है।
एवियन इन्फ्लुएंजा को बर्ड फ्लू के नाम से भी जाना जाता है, जो पक्षियों में फैलता है और उसके जरिये इंसानों के संक्रमित होने का खतरा बना रहता है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, हालांकि आम तौर पर इंसानों में बर्ड फ्लू का संक्रमण नहीं होता, लेकिन अगर यह संक्रमण हो जाता है तो इसमें मौत का जोखिम 60 फीसदी तक हो सकता है।
एवियन एंफ्लुएंजा से संक्रमित 11 साल के बच्चे का इलाज दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में हो रहा था, जहां इलाज के दौरान उसकी जान चली गई। यह देश में इस साल की शुरुआत के बाद से बर्ड फ्लू के कारण किसी इंसान की मौत का पहला मामला है, जिसके बाद बच्चे के इलाज में शामिल स्टाफ को आइसोलेट कर दिय गया है।
देश में इस साल की शुरुआत में बर्ड फ्लू के कई मामले सामने आए थे। हरियाणा में विशेषज्ञों ने एवियन एंफ्लुएंजा वायरस के उपप्रकार H5N8 का पता लगाया था, जो इंसानों को संक्रमित करने वाले स्ट्रेन के तौर पर नहीं जाना जाता। दिल्ली के साथ-साथ कम से कम 10 राज्यों केरल, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और हरियाणा में बर्ड फ्लू की पुष्टि हुई थी, जिसके बाद केंद्र सरकार ने अलर्ट जारी किया था। संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए देशभर में बड़ी संख्या में पक्षियों को मारा गया था।
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