नई दिल्ली : जम्मू-कश्मीर पुलिस के सीनियर अधिकारी दविंदर सिंह को दो आतंकवादियों को अपनी कार में कश्मीर घाटी ले जाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। दविंदर सिंह ने पूछताछ में बताया कि उसकी आतंकवादियों से 12 लाख रुपए की डील हुई थी। आतंकियों को जम्मू से नई दिल्ली तक पहुंचाने के लिए उसे 12 लाख रुपए मिले थे। इसके बाद इस पर सियासत होने लगी। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसे सांप्रदायिक एंगल दे दिया। उन्होंने कहा कि अगर दविंदर सिंह दविंदर खान होते, तो आरएसएस की ट्रोल रेजिमेंट की प्रतिक्रिया अधिक स्पष्ट और मुखर होती। साथ ही उन्होंने कहा कि रंग, पंथ और धर्म ऊपर उठकर हमारे देश के दुश्मनों की निंदा होनी चाहिए।
चौधरी ने कहा कि बीजेपी के नेता सुझाव दे रहे हैं कि आपको यूपी, कर्नाटक का उदाहरण देना चाहिए, जहां पुलिस ने गोलीबारी और आंदोलनकारियों को मार दिया। मुझे उनसे यह पूछने के लिए उकसाया गया कि आरएसएस-बीजेपी दविंदर सिंह मुद्दे पर क्यों बच रहे हैं?
उधर कांग्रेस पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा कि देवेंद्र सिंह कौन है? 2001 के संसद हमले में उसकी क्या भूमिका थी? पुलवामा हमले में उसकी क्या भूमिका थी जहां वह पुलिस उपाधीक्षक था? उन्होंने सवाल किया कि क्या वह हिज्बुल आतंकियों को खुद लेकर जा रहा था या सिर्फ एक प्यादा है तथा बड़े साजिकशकर्ता कहीं और हैं? क्या एक बड़ी साजिश है?कांग्रेस ने कई आतंकवादियों को अपने साथ लेकर ले जाते हुए गिरफ्तार किए गए दविंदर सिंह को लेकर सवाल किया कि संसद और पुलवामा में हुए हमलों में इस अधिकारी की क्या भूमिका थी तथा क्या वह एक बड़ी साजिश का प्यादा भर है।
कश्मीर पुलिस के आईजी विजय कुमार ने रविवार को कहा कि यह घृणित अपराध है और दविंदर सिंह के साथ आतंकवादियों जैसा ही सलूक किया जा रहा है और सभी सुरक्षा एजेंसियां संयुक्त रूप से उससे पूछताछ कर रही हैं।
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