नई दिल्ली: 16 दिसंबर 2012- ये वो तारीख है जब देश की राजधानी दिल्ली एक बेगुनाह लड़की की चीखों से दहल उठी और पूरा देश गुस्से से उबल पड़ा। चलती बस में निर्भया (बदला हुआ नाम) के साथ हैवानियत की सारी हदें पार कर दी गईं। इस बेहद बर्बर और क्रूर आपराधिक घटना पर देश की भावनाओं के अनुकूल अदालत ने चार दोषियों को मौत की सजा सुनाई। दोषियों की दया याचिका भी खारिज हुईं और अब खबर है कि निर्भया के गुनहगारों को सजा देने का समय करीब आ रहा है और अटकलों के अनुसार इस महीने के अंत तक उन्हें फांसी के तख्त पर चढ़ाया जा सकता है।
इन अटकलों को बल देने वाली कुछ खबरें हाल ही सामने आई हैं। पहली- तिहाड़ जेल में फांसी देने की तैयारी की जा रही है और फांसी के तख्त का 100 किलो वजन के साथ ट्रायल भी किया गया है। इस ट्रायल के दौरान 100 किलो वजन को जेल में एक घंटे तक लटकाकर रखा गया। अगर चारों दोषियों को फांसी दी जाती है तो ट्रायल के दौरान सबसे ज्यादा वजन वाले दोषी के वजन के बराबर वजन के डमी को फांसी के फंदे पर लटकाकर देखा जाता है। हालांकि तिहाड़ जेल प्रशासन को इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक पत्र नहीं मिला है।
दूसरी खबर- ऐसी जानकारी सामने आई है कि दोषी विनय शर्मा को मंडावली जेल से तिहाड़ जेल लाया गया है। निर्भया केस के अन्य दोषी मुकेश, पवन और अक्षय पहले ही तिहाड़ जेल में बंद हैं।
तीसरी खबर- बक्सर की सेंट्रल जेल को इस सप्ताह 15 दिसंबर तक फांसी के 10 फंदे तैयार करने का आदेश दिया गया है। जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा का कहना है कि इस आदेश के बाद जेल की निर्माणशाला में खास हैंगिंग रोप (फांसी देने वाली रस्सी) तैयार करने के काम में 6 कैदियों को लगाया गया है।
सिर्फ बक्सर सेंट्रल जेल में बनता है 'मौत का फंदा'
भारतीय फैक्ट्री लॉ में विशेष प्रावधान के तहत बक्सर सेंट्रल जेल देश की एकलौती जेल है जो देश में मौत के फंदे बनाती है। विशेष मांग पर बक्सर जेल की ओर से यह फंदे अलग- अलग जेलों को उपलब्ध कराए जाते हैं। जिन फंदों से दोषियों को मौत की सजा दी जाती है वह पंजाब में पैदा की जाने वाली खास गुणवत्ता वाली रूई के सूत से तैयार होते हैं। इन्हें कहीं और बनाने पर पाबंदी है।
खास ढंग से तैयार होती है रस्सी
रिपोर्ट्स के अनुसार फांसी की रस्सी सूत के 7200 धागों से मिलकर तैयार होती है और यह 180 किलो से ज्यादा भार उठा सकती है। रस्सी के फंदे की कीमत लगभग 1700 रुपए होती है लेकिन इस बार इसे बनाने की चीजें महंगी होने की वजह से इसे महंगा किया जा सकता है।
इन्हीं खबरों के आधार पर जल्द निर्भया केस के दोषियों को फांसी दिए जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। तिहाड़ की जेल नंबर-3 में फांसी का तख्त मौजूद है। कुछ रिपोर्ट्स के अनुसार अगर सजा देने के लिए जल्लाद की जरूरत पड़ी तो उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र या पश्चिम बंगाल से बुलाया जा सकता है।
चलती बस में 6 लोगों ने किया था रेप
चलती बस में निर्भया से 6 दोषियों ने रेप किया था जिसके बाद पीड़िता की बेहद गंभीर चोटों की वजह से इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इनमें से एक नाबालिग था जो सुधार गृह में रहने के बाद अब छूट चुका है। आरोपी राम सिंह ने घटना के बाद आत्महत्या कर ली थी। अन्य चार दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है।
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