मुंबई: जेल में बंद निर्दलीय सांसद नवनीत राणा और उनके विधायक पति रवि राणा की जमानत याचिका पर आज अदालत फैसला कर सकती है। पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद शेष न्यायाधीश आर. एन. रोकाडे ने सोमवार के लिए आदेश सुरक्षित रख लिया था। शुक्रवार को हुई बहस के दौरान करीब ढाई घंटे तक दोनों पक्षों के वकीलों ने अपनी दलीलें रखीं। राणा दंपति पर धार्मिक भावनाओं को भड़काने और राजद्रोह का आरोप है।
कोर्ट में मुंबई पुलिस ने जमानत का विरोध करते हुए कहा नवनीत राणा पर गंभीर आरोप है। सरकार की दलील है कि जेल से बाहर निकलकर राणा दंपति केस को प्रभावित कर सकते है। वहीं राणा दंपति के वकील ने दलील पेश करते हुए कहा राणा दंपति एक जिम्मेदार नागरिक हैं और हर शर्त का पालन करेंगे। सुनवाई के दौरान वकील ने लगाए गए राजद्रोह के आरोप पर भी सवाल उठाया। इस दौरान वकील ने राणा दंपति 8 साल की बेटी का भी हवाला दिया। राणा दंपति ने याचिका में कहा गया है कि धारा 153 (ए) के तहत आरोप को कायम नहीं रखा जा सकता है, क्योंकि याचिकाकर्ताओं का मुख्यमंत्री के निजी आवास के पास हनुमान चालीसा का पाठ करके नफरत पैदा करने का कोई इरादा नहीं था।
दरअसल सारा विवाद तब शुरु हुआ था जब नवनीत राणा ने ऐलान किया कि सीएम उद्धव ठाकरे के घर मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगीं। ऐलान के बाद शिवसेना के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने नवनीत राणा के खिलाफ प्रदर्शन किया। जिसके बाद अमरावती लोकसभा सीट से सांसद नवनीत राणा और बडनेरा से विधायक पति रवि राणा ने हालांकि 23 अप्रैल को मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने संबंधी अपनी योजना को रद्द कर दिया था। लेकिन पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। फिलहाल 14 दिन की न्यायिक हिरासत में है।
नवनीत राणा और रवि राणा की जमानत अर्जी पर एक बार फिर सुनवाई, राहत या जेल ?
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