नयी दिल्ली: केंद्र सरकार के 'हर घर तिरंगा' अभियान (Har Ghar Tiranga Abhiyan) के लिए उत्सव का दिन नजदीक आने के साथ ही दिल्ली में तिरंगे की बिक्री कई गुना बढ़ गई है। हालात यह है कि राष्ट्रीय ध्वज की भारी मांग के अनुरूप आपूर्ति कर पाना कारोबारियों और विनिर्माताओं के लिए कठिन हो गया है।
दिल्ली के सदर बाजार के थोक व्यापारी गुलशन खुराना 50 साल से अधिक समय से राष्ट्रीय ध्वज की आपूर्ति करने के व्यवसाय में हैं, लेकिन पहले उन्होंने तिरंगे की इतनी भारी मांग कभी नहीं देखी। अभियान के तहत, केंद्र सरकार का लक्ष्य भारत की आजादी के 75 साल पूरे होने पर 13 से 15 अगस्त तक घरों के ऊपर कम से कम 20 करोड़ झंडे लगाने का है।
खुराना उस समय छुट्टी मनाने अमेरिका गए हुए थे जब उन्हें झंडों के बड़े ऑर्डर के लिए खरीदारों से लगातार फोन आने लगा।उन्होंने कहा, 'मैं इस व्यवसाय में 50 से अधिक वर्षों से हूं, आप बचपन से कह सकते हैं। लेकिन मैंने कभी भी भारतीय झंडे की इतनी मांग नहीं देखी। मेरा फोन बजना बंद नहीं होता है।' उन्होंने कहा कि उनको मांग की पूर्ति करने के लिए स्वदेश वापस आना पड़ा।
मांग को पूरा करने के लिए खुराना केवल दो आकार- 16 गुणा 24 और 18 गुणा 27 आकार के 'तिरंगा' का निर्माण कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हर दिन हम लगभग 15 लाख झंडे तैयार कर रहे हैं, लेकिन मांग और भी अधिक है। पूरे भारत से ऑर्डर आ रहे हैं, क्योंकि देश में झंडे की कमी है। इसलिए लोग जहां से हासिल कर सकते हैं, वहां से झंडे प्राप्त कर रहे हैं। अभी-अभी गोवा के लिए एक लाख झंडों का ऑर्डर मिला है।'
इस बीच, ध्वज निर्माता-सह-व्यापारी अनिल ने कहा कि उन्होंने अपनी अन्य विनिर्माण इकाइयों के श्रमिकों को ध्वज निर्माण में लगा दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज की मांग में अचानक उछाल आने से इसकी बिक्री 50 गुना बढ़ गई है।
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