नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी (Congress) में सबकुछ अच्छा नहीं चल रहा है, ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल (Hardik Patel) पार्टी से खफा हैं और इसकी बानगी उनके बयानों से सामने आ रही हैं मीडिया सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि हार्दिक पटेल ने प्रदेश कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल खड़े करते हुए बागी तेवर अख्तियार कर लिए है।
पाटीदार आंदोलन से सियासत में आए हार्दिक पटेल ने अपने बलबूते पहचान बनाई है और गुजरात कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पद पर काबिज हैं मगर अब पार्टी में खुद को सहज नहीं महसूस कर रहे हैं।
हार्दिक पटेल ने खुद को राम भक्त बताया और कहा कि हम हिंदू हैं और हिंदू होने पर हमें गर्व है, हार्दिक पटेल ने अपने पिता के मृत्यु संस्कार पर 'भगवत गीता' बांटने की बात कही है ऐसा मीडिया रिपोर्टों में बताया जा रहा है। हार्दिक पटेल ने दिल्ली में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल से मिलकर अपनी बात रखी है उन्होंने कहा कि मुझे कांग्रेस के प्रदेश नेतृत्व से दिक्कत है वे नहीं चाहते कि कोई काम करे और अगर कोई काम करेगा तो उसे करने नहीं देते हैं।
हार्दिक पटेल के खुद को रामभक्त बताए जाने पर भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने हार्दिक पटेल की तारीफ की है, इसके बाद अटकलें यह भी लगने लगी हैं कि हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल हो सकते हैं हालांकि ये कयास है और हार्दिक ने भी इस बारे में अपने पत्ते नहीं खोले हैं।
हार्दिक पटेल की नाराजगी के बीच गुजरात आप के अध्यक्ष गोपाल इटैलिया ने उन्हें खुला न्यौता दिया था, गोपाल इटैलिया ने कहा था कि अगर हार्दिक पटेल को कांग्रेस में पसंद नहीं किया जा रहा है तो उन्हें समान विचारधारा वाले दल में शामिल होना चाहिए। उन्हें शिकायत करने की जगह, या समय बर्बाद करने की जगह, उन्हें आप के लिए योगदान करना चाहिए।
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