हरिद्वार: उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित होने वाला कुंभ मेला अब एक महीने का नहीं बल्कि 28 दिन का होगा। साधु संतों से बातचीत के बाद प्रदेश सरकार ने यह निर्णय लिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि जल्द ही कुंभ मेले की अधिसूचना जारी हो जाएगी। कोरोना महामारी के चलते इस बार कुंभ में कई नए नियम बनाए गए हैं जिनका पालन करना जरूरी है। कुंभ में पंजीकरण और आने से 72 घंटे पहले की आरटीपीसीआर जांच की निगेटिव रिपोर्ट के बाद ही श्रद्धालु आ सकेंगे।
एसओपी का पालन करना जरूरी
कुंभ के लिए केंद्र और राज्य सरकारों द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) का श्रद्धालुओं को कड़ाई से पालन करना होगा। श्रद्धालुओं को मास्क लगाना और सोशल डिस्टेंस मेंटेन रखना अनिवार्य होगा। एसओपी के मुताबिक, श्रद्धालुओं को तभी कुंभ में शामिल होने की अनुमति होगी अगर वे कोरोना वायरस की निगेटिव रिपोर्ट पेश करेंगे जो उनके पहुंचने के 72 घंटे से पहले जारी नहीं की गई हो। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि इस बारे में जल्द ही अधिसूचना जारी होगी। पहली बार कुंभ इतने कम समय के लिए आयोजित हो रहा है। इससे पहले कुंभ चार महीने से अधिक समय तक चलता था।
शाही स्नान में कोई वीआईपी नहीं
हरिद्वार में इस साल कुंभ 12 की बजाय 11 साल बाद हो रहा है। इससे पहले यह चार महीने से अधिक समय तक चलता था लेकिन कोविड 19 के कारण इस बार अवधि को छोटा कर दिया गया है। कुंभ में तीन शाही स्नान होंगे जो एक अप्रैल से 28 अप्रैल के बीच होंगे। पहला शाही स्नान 12 अप्रैल (सोमवती अमावस्या), दूसरा 14 अप्रैल (बैसाखी) और तीसरा 27 अप्रैल (पूर्णिमा) को होगा। शाही स्नान के दिन किसी भी वीआईपी को हरिद्वार आने की अनुमति नहीं होगी।
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