चंडीगढ़ : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने 'जैसे को तैसा व लठ उठाने' वाले बयान को वापस ले लिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में हो रहे भारी विरोध के बीच वह अपना बयान वापस ले रहे हैं। सीएम ने कहा कि उन्होंने यह बयान आत्म सुरक्षा को ध्यान में रखकर दिया था। सीएम ने कहा कि उन्हें श्री माता मनसा देवी मंदिर शक्तिपीठ में यह आभास हुआ कि माता रानी सब की सुरक्षा करेंगी इसलिए वह अपने इस बयान को वापस लेते हैं। उन्होंने कहा कि वह नहीं चाहते प्रदेश में किसी भी सूरत में कोई कानून-व्यवस्था बिगड़े।
खट्टर ने कहा, 'पूरे प्रदेश में किसान संगठनों, किसान नेताओं व लोगों द्वारा जो विरोध किया जा रहा है जिसके चलते वह अपने इस बयान को वापस लेते हैं।' उन्होंने कहा कि कैथल में अग्र समाज के होने वाले कार्यक्रम में किसानों द्वारा प्रदर्शन के ऐलान के चलते उन्होंने इस कार्यक्रम में खुद न जाकर हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता जो कि अग्र समाज के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति हैं उनको भेजने का निर्णय लिया है।'
मुख्यमंत्री खट्टर ने भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा की एक बैठक के दौरान 'जैसे को तैसा' वाला बयान दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ नए किसानों के संगठन उभर रहे हैं, उनको अब प्रोत्साहन देना पड़ेगा। उनको आगे लाना पड़ेगा खासकर उत्तर और पश्चिम हरियाणा में, दक्षिण हरियाणा में यह समस्या ज्यादा नहीं है, लेकिन उत्तर पश्चिम हरियाणा के हर जिले में अपने 500 या 700 किसान या फिर एक हजार लोग खड़े करो, उनको वालंटियर बनाओ। फिर जगह-जगह शठे शाठयम समाचरेत... की बात कहते हुए सीएम ने सामने बैठे लोगों से पूछा इसका क्या मतलब है। जिसके बाद भीड़ से आवाज आती है कि जैसे को तैसा। यहां यह भी कहा गया है कि उठा लो डंडे। जब डंडे उठाओगे तो जेल जाने की परवाह मत करो, दो चार महीने रह आओगे तो बड़े लीडर अपने आप बन जाओगे।
सीएम खट्टर के इस बयान पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि प्रदेश का सीएम यदि हिंसा फैलाने, समाज को तोड़ने और कानून-व्यवस्था को खत्म करने की बात करेंगे, तो प्रदेश में कानून और सविंधान का शासन चल ही नहीं सकता। उन्होंने कहा कि ऐसी अराजक सरकार को चलता करने का समय आ गया है।
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