नई दिल्ली: हरियाणा जल्द ही आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारियों द्वारा सार्वजनिक संपत्तियों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए एक कानून बना सकता है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने दिल्ली में संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात के बाद अपनी योजनाओं की घोषणा की। उन्हें हाल ही में प्रदर्शनकारी किसानों का गुस्सा झेलना पड़ा था। खट्टर करनाल में जाने वाले थे उससे पहले किसानों ने कार्यक्रम स्थल पर जमकर तोड़फोड़ मचा दी।
खट्टर ने शनिवार को कहा कि आंदोलन के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को हुए नुकसान की भरपाई प्रदर्शनकारियों से कराने के लिए राज्य सरकार कड़ा कानून लाने पर विचार कर रही है। सरकार की ओर से शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया कि खट्टर ने दिल्ली में संसद भवन में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद यह बयान दिया। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने गृह मंत्री को किसान आंदोलन के विभिन्न पक्षों से भी अवगत कराया।
UP में है कानून
हरियाणा सरकार में मंत्री जेपी दलाल और अनिल विज ने 11 फरवरी को कहा था कि वे राज्य में दंगाइयों और प्रदर्शनकारियों से नुकसान पहुंचाई गई सार्वजनिक और निजी संपत्तियों की भरपाई के लिए कानून के पक्ष में हैं। दलाल ने गुरुवार को कहा था, 'उत्तर प्रदेश में यदि कोई सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, तो यह न केवल दंडनीय अपराध है, बल्कि आरोपी व्यक्ति से वसूली की जाती है। पिछले साल अगस्त में यूपी में उत्तर प्रदेश रिकवरी ऑफ डैमेज टू पब्लिक एंड प्राइवेट प्रॉपर्टीज बिल, 2020 पारित किया गया था।
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी तीन दिन पहले इसी तरह की योजना का खुलासा किया था। राज्य पत्थरबाजों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कानून बना रहा है। कथित तौर पर मध्य प्रदेश के नए कानून में सार्वजनिक संपत्ति या किसी व्यक्ति को हुए किसी भी नुकसान की भरपाई के लिए पत्थरबाजों की संपत्ति को नीलाम करने का प्रावधान होगा।
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