नई दिल्ली: हरियाणा में आज से भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड की संभावित वैक्सीन कोवाक्सिन के तीसरा चरण का परीक्षण शुरू हो गया है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्वेच्छा से इस टीके को लगवाने की पेशकश की थी। आज उन्हें यह टीका लगाया गया। विज ने ट्वीट किया, 'पीजीआई रोहतक के डॉक्टरों और स्वास्थ्य विभाग के दल की निगरानी में मुझे कल सुबह 11 बजे अंबाला छावनी के सिविल अस्पताल में कोरोना वायरस के टीके 'कोवैक्सीन' का परीक्षण टीका लगाया जाएगा जो भारत बायोटेक का उत्पाद है।'
भारत बायोटेक कोवाक्सीन का विकास आईसीएमआर (भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के साथ भागीदारी में कर रही है। भारत बायोटेक ने कहा था कि आईसीएमआर के साथ साझेदारी में आयोजित कोवाक्सीन का तीसरे चरण का परीक्षण भारत में 25 केंद्रों में 26,000 लोगों के साथ किया जा रहा है।
26000 लोगों पर होगा ट्रायल
कंपनी के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक कृष्णा एला ने कहा, 'भारत बायोटेक दुनिया की एकमात्र टीका कंपनी है जिसके पास जैव सुरक्षा स्तर-3 (बीएसएल3) उत्पादन सुविधा है। पिछले महीने कंपनी ने कहा था कि उसने पहले और दूसरे चरण के परीक्षण का अंतरिम विश्लेषण सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और वह 26,000 भागीदारों पर तीसरे चरण का परीक्षण शुरू करने जा रही है।'
22 जगह किया जा रहा परीक्षण
परीक्षण में शामिल स्वयंसेवकों को लगभग 28 दिनों के भीतर दो इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन दिए जाएंगे। परीक्षण भारत में 22 संस्थानों में किया जा रहा है, जिसमें नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और गुरु तेग बहादुर अस्पताल शामिल हैं। इसके अलावा अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, ग्रांट गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज और सर जे.जे. ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल्स, लोकमान्य तिलक म्युनिसिपल जनरल हॉस्पिटल एंड मेडिकल कॉलेज (सायन हॉस्पिटल) भी इसमें शामिल हैं।
भारत बायोटेक ने कोरोना से निजात दिलाने के लिए 130 करोड़ लोगों का टीकाकरण किए जाने को एक चुनौती करार दिया है। अगले साल तक इसकी 100 करोड़ की खुराक तक पहुंचने की उम्मीद है। एलाने कहा कि अगर हमें दो दोज की वैक्सीन का 130 करोड़ आबादी को टीका लगाना है तो हमें 260 करोड़ सिरिंज और सुई की जरूरत होगी।
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