रामनवमी पर देश के कई राज्यों से हिंसा और उत्पात की जो तस्वीरें आईं, उसे आप देख चुके हैं। रामनवमी के अवसर पर शोभा यात्रा निकली, तो शहर-शहर बलवा और बवाल हुआ। नि:संदेह ये तस्वीरें परेशान करने वाली हैं। सोचने पर मजबूर कर देने वाली हैं। अलग अलग राज्यों में हुए बलवे कानून व्यवस्था और पुलिस के वजूद पर प्रश्न चिन्ह खड़ा कर रहे हैं। ये वो हिंसा है, जो शासन और प्रशासन के इकबाल को बहुत बड़ा झटका पहुंचा रहा है। लेकिन उत्तर प्रदेश में ऐसी एक भी घटना नहीं हुई। यहां शोभा यात्रा शांतिपूर्ण तरीके से निकली।
क्योंकि अब यूपी में दंगा नहीं होता
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐलान किया है कि रामनवमी के दिन उत्तर प्रदेश में करीब 800 जगहों पर शोभा यात्रा निकली। इस दौरान एक भी जगह पर उपद्रव नहीं हुआ। यूपी में लगातार दूसरी जीत के बाद बाबा बुलडोजर के नाम से मशहूर हो चुके सीएम योगी आदित्यनाथ कहते हैं कि रामनवमी पर हिंसा ना होना, इस बात का प्रमाण है कि यूपी में कानून व्यवस्था चाक चौबंद है। यहां कानून का राज कायम है। प्रदेश में क्राइम कंट्रोल है। अगर ऐसा नहीं होता, तो दूसरे राज्यों की तरह यहां भी उत्पात मचता। यूपी की शांति में खलल पड़ता। भाईचारा बिगड़ता, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। योगी राज में शोभा यात्रा निकली। शांति और सद्भाव से। महंत मुख्यमंत्री कहते हैं कि ये सब इसलिए संभव हो पाया क्योंकि उत्तर प्रदेश में, गुंडे, अपराधियों, माफियाओं और दंगाइयों के लिए कोई जगह नहीं है।
योगी और उनकी पुलिस एक्शन में है
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की इस बात पर विश्वास ना किया जाए, इसकी कोई वजह नहीं दिखती। सच यही है कि रामनवमी के पर्व पर यूपी से हिंसा की कोई रिपोर्ट नहीं आई। ये योगी आदित्यनाथ और उनकी पुलिस की तारीफ होनी चाहिए। उत्तर प्रदेश की कुल आबादी करीब 25 करोड़ है। इनमें से 4 करोड़ अल्पसंख्यक यानि मुस्लिम समुदाय के लोग हैं। कई तमाम शहर और जगह तो मुस्लिम बहुल हैं। बावजूद इसके यहां भाईचारा और सांप्रदायिक सौहार्द नहीं बिगड़ा। धार्मिक लड़ाई नहीं हुई। ये यूपी के शासन और प्रशासन की सफलता है। इसमें कोई दो राय नहीं।
योगी का दंगा क्रंटोल मॉडल हिट है
ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि आखिर जो दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री नहीं कर पाए, उसे योगी आदित्यनाथ ने कैसे करके दिखा दिया। रामनवमी के अवसर पर उत्तर प्रदेश को शांति के टापू में कैसे तब्दील कर दिया। योगी और उनकी पुलिस की रणनीति क्या थी, ये जानने के लिए जब हमने यूपी के डीजीपी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार से बात की, तो उन्होंने बताया कि योगी सरकार का सख्त आदेश और निर्देश है कि त्योहारों पर सांप्रदायिक सौहार्द को कायम रखा जाए। सुरक्षा के चाक चौबंद इंतजाम किए जाएं, ताकि कोई भी असामाजिक तत्व कानून का माखौल ना उड़ा सके। इसी आदेश का पालन करते हुए पुलिस ने रामनवमी से पहले दोनों पक्षों के धर्मगुरुओं के साथ मीटिंग की थी। उनसे कानून व्यवस्था और शांति को कायम रखने की अपील की गई थी। इसके अलावा संवेदनशील जगहों पर एहतियातन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम भी किए गए थे। योगी का ये मॉडल सफल रहा। परिणाम हम सबके सामने है।
क्या बाबा का बुलडोजर कमाल कर रहा है?
लेकिन यहां बात सिर्फ रामनवमी या इस अवसर पर हिंसा का ना होना ही नहीं है। मसला है कानून व्यवस्था का। क्योंकि चाहे वो योगी हों या उनके मंत्री, सभी एक सुर में कह रहे हैं कि बाबा के राज में कानून का राज है। लॉ एंड ऑर्डर एकदम टाइट है। तो प्रश्न ये है कि क्या सच में ऐसा है? क्या सीएम योगी पूर्ववर्ती सरकारों से बेहतर कानून व्यवस्था बनाने में कामयाब हुए हैं ? अगर हां तो आखिर कैसे? आखिर उन्होंने प्रदेश में सुरक्षा का वातावरण कैसे तैयार किया ? क्या ये कमाल बाबा के बुलडोजर मॉडल का है ?
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