हेट स्पीच मामले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड और हिमाचल सरकार की खिंचाई थी। अदालत ने पूछा कि जब आप जानते हैं कि धर्म संसद जैसे कार्यक्रम होने वाले हैं तो आप लोगों ने उसे रोकने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए। सुप्रीम कोर्ट हिमाचल प्रदेश के उना में धर्म संसद पर टिप्पणी की। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा 2018 में गाइडलाइंस जारी की जा चुकी है। आप किस विश्वास की बात कर रहे हैं, क्या यही विश्वास है, हमने आप पर भरोसा किया। लेकिन जमीन पर जो नजर आ रहा है वो तो एकदम अलग है। अदालत इस विषय पर उत्तराखंड और हिमाचल सरकार से हलफनामा चाहता है।
अदालत में जिरह
रुड़की में 27 अप्रैल को धर्म संसद
अब सिब्बल ने रुड़की में धर्म संसद पर रोक लगाने की मांग की है। जस्टिस खानविलकर ने कहा कि 2018 का फैसला है कि आप सिर्फ दिशानिर्देशों को लागू करें। गृह सचिव, पुलिस आईजी से भी संपर्क करें। आप किस भरोसे की बात कर रहे हैं? एक भरोसा है..हम आप पर भरोसा करते हैं लेकिन जमीन पर जो हम देख रहे हैं वह कुछ अलग है।
दिल्ली पुलिस को लग चुकी है फटकार
उत्तराखंड के काउंसिलफ का कहना है कि सभी निवारक उपाय किए गए और संबंधित अधिकारियों को विश्वास है कि कोई भी अप्रिय घटना होगी और जो भी आवश्यक होगा, सभी कदम उठाए जाएंगे। हम उत्तराखंड के मुख्य सचिव को सुधारात्मक उपायों के बारे में बताने का निर्देश देते हैं। बता दें कि धर्म संसद के मामले में ही सुप्रीम कोर्ट दिल्ली पुलिस को फटकार लगा चुकी है।
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