नई दिल्ली : हरिद्वार में धर्म संसद आयोजन के दौरान दिए गए 'हेट स्पीच' के खिलाफ लोगों की नाराजगी सामने आने पर पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। इस प्राथमिकी में मुस्लिम धर्म छोड़कर हिंदू धर्म अपनाने वाले एक व्यक्ति को नामजद किया गया है। हेट स्पीच मामले में अभी तक किसी कि गिरफ्तारी नहीं हुई है। सामने आए इस विवादित वीडियो में 'नरसंहार' और एक संप्रदाय के खिलाफ हथियार उठाने की बात कही गई है। सोशल मीडिया पर इस वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है।
धर्म के नाम पर नफरत फैलाना का यह कार्यक्रम हरिद्वार में 17 दिसंबर से 20 दिसंबर के बीच हुआ। इसी दौरान कई अलग अलग संगठनों के लोग यहां पहुंचे थे। तीन दिनों तक नफरत भरी बातें चलती रहीं, कत्लेआम के लिए लोगों को भड़काया गया, भड़काऊ भाषण दिए गए। नफरत फैलाने वाले इस वीडियो के सामने आने पर लोगों ने नाराजगी जाहिर की। इसके बाद पुलिस हरकत में आई। पुलिस ने शुरू में बताया कि चूंकि कोई शिकायत नहीं मिली हैं इसलिए मामले में कोई प्राथमिकी नहीं दर्ज की गई है। हरिद्वार के पुलिस अधीक्षक स्वतंत्र कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस मामले को देख रही है।
धर्म संसद के नाम पर ये कैसी बोली? नफरत फैलाने वाले अब तक आजाद क्यों?
नफरत फैलाने वाले इस वीडियो के खिलाफ पहली शिकायत तृणमूल कांग्रेस के नेता एवं आरटीआई एक्टिविस्ट साकेत गोखले ने दर्ज कराई। इस शिकायत में उन्होंने शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन जितेंद्र नारायण उर्फ वसीम रिजवी को आरोपी बनाया। एफआईआर में कहा गया है कि जितेंद्र नारायण त्यागी और अन्य ने धर्म संसद के दौरान एक संप्रदाय विशेष के खिलाफ अपमानजनक बातें कहीं और भड़काऊ एवं उकसाने वाले भाषण दिए।
उत्तराखंड पुलिस की ओर से जारी एक ट्वीट में कहा गया है, 'सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153A IPC के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है और विधिक कार्यवाही प्रचलित है।' वहीं, कार्यक्रम के आयोजकों एवं नफरत फैलाने वाला भाषण देने वालों का कहना है कि उन्होंने कोई गलत काम नहीं किया है।
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