हाथरस कांड की गूंज अभी तक जारी है, इस घटना में एक दलित लड़की के साथ दिल दहलाने वाली वारदात हुई, बाद में पीड़िता की मौत भी हो गई। ये मामला खासी सुर्खियों में रहा है और मामले की जांच अभी जारी है। वहीं जिस जगह पर ये वारदात हुई उस खेत के मालिक की अपनी अलग ही व्यथा है, उसका कहना है कि उसकी फसल बर्बाद हो गई है क्योंकि प्रशासन ने खेत में सिंचाई करने और कटाई करने से मना कर दिया था ताकि सबूतों के साथ छेड़छाड़ न हो सके, और न ही कोई सबूत नष्ट हो जाए जिसके चलते वो अपने ही खेत में कोई भी फसल संबधी काम नहीं कर पा रहा है।
गौरतलब है कि 14 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक खेत में दलित लड़की के साथ दिल दहलाने वाली वारदात हुई थी, उस खेत का मालिक अब इस मामले में जारी जांच के चलते अपनी फसल को लेकर परेशान है क्योंकि वो अपने ही खेत में काम नहीं कर पा रहा है।
बताया जा रहा है कि परेशान खेत मालिक ने राज्य सरकार से मुआवजे की गुहार लगाई है और कहा कि उसका करीब 50 हजार का नुकसान हो गया है जिसकी भरपाई सरकार को करनी चाहिए।
बताया जा रहा है उस खेत में बाजरे की खेती थी और घटना के बाद से स्थानीय पुलिस के बाद एसआईटी की टीम फिर सीबीआई की टीम कई बार खेत में गई जहां वारदात हुई थी और वहां जाकर पड़ताल की जिसके चलते बार बार खेतों में आवाजाही से उसकी फसल को नुकसान पहुंचा है। पीड़ित किसान का कहना है कि उसका परिवार खेती पर निर्भर है ऐसे में उसका जो नुकसान हुआ है उसमें उसकी क्या गलती है, उसका मुआवजा मिलना चाहिए।
इस खेत के मालिक सोम का छोटा भाई विक्रम उर्फ छोटू घटना का चश्मदीद गवाह बताया जा रहा है जिसका कहना था कि वो वारदात के बाद वहां पहुंचा था और उसने इस घटना के बारे में बयान भी दर्ज कराए हैं सीबीआई उससे पूछताछ कर रही है।
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