नई दिल्ली: हाथरस बलात्कार और हत्या मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा दायर आरोप पत्र में कहा गया है कि मुख्य आरोपी निराश था क्योंकि पीड़िता ने उसे अनदेखा कर दिया था। सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, मामले के चार आरोपियों में से एक संदीप पीड़िता के साथ रिलेशन में था। सीबीआई को 17 अक्टूबर 2019 और 3 मार्च 2020 के बीच दोनों के बीच हुई बातचीत का रिकॉर्ड मिला है।
गवाहों ने सीबीआई को बताया कि पीड़ित के परिवार को उनके रिश्ते के बारे में पता चला था और उनका संदीप के घर के बाहर झगड़ा हुआ था। लड़ाई के बाद संदीप और पीड़िता के बीच कॉल बंद हो गए।
चार्जशीट के अनुसार, आरोपी संदीप ने अपने कई दोस्तों और रिश्तेदारों के नंबर से पीड़िता से संपर्क करने की कोशिश की। सीबीआई का कहना है कि इस बात के सबूत हैं कि पीड़िता ने उसके कॉल्स को इग्नोर किया, जिससे संदीप बौखला गया। संदीप को शक था कि पीड़िता का उसकी बहन के पति के साथ संबंध है।
चारों आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल
करीब चार महीनों की जांच के बाद केंद्रीय एजेंसी ने अपनी अंतिम रिपोर्ट में यह कहा है कि आरोपियों-संदीप, लवकुश, रवि और रामू ने युवती से उस वक्त कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया था, जब वह चारा एकत्र करने के लिए खेतों में गई थी। चारों आरोपियों पर बलात्कार, हत्या और सामूहिक बलात्कार से संबद्ध भारतीय दंड संहिता की धाराएं लगाई हैं। साथ ही, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (प्रताड़ना रोकथाम) अधिनियम के तहत भी उन्हें आरोपित किया है।
रात में किया गया अंतिम संस्कार
हाथरस में दलित युवती से अगड़ी जाति के चार व्यक्तियों ने 14 सितंबर को कथित तौर पर बलात्कार किया था। इलाज के दौरान 29 सितंबर को दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पीड़िता की मौत हो गई थी। इसके बाद उसकी 30 सितंबर की रात उसके घर के पास रात में अंत्येष्टि कर दी गई थी। युवती के परिवार ने आरोप लगाया था कि स्थानीय पुलिस ने आनन-फानन में अंत्येष्टि करने के लिए उन पर दबाव डाला था।
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