प्रिंसिपल ने छात्रा को कपड़े उतारने के लिए किया मजबूर, मोबाइल फोन लेकर पहुंची थी छात्रा

देश
किशोर जोशी
Updated Jan 08, 2022 | 21:44 IST

कर्नाटक के मांडया जिले के स्कूल से शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक प्रिंसिपल ने एक छात्रा को कपड़े उतारने पर मजबूर कर दिया।

Headmistress Forces Girl Student To Strip, Assaults For Carrying Mobile Phone To School In Karnataka
प्रिंसिपल ने छात्रा को कपड़े उतारने के लिए किया मजबूर 
मुख्य बातें
  • कर्नाटक में प्रिंसिपल ने स्टूडेंट्स के सामने उतरवाए छात्रा के कपड़े
  • प्रिंसिपल ने छात्रा को शाम तक बिना कपड़ों के ही बैठाए रखा
  • अपने कुख्यात कारनामों की वजह से पहले भी सुर्खियों में रही चुकी हैं प्रिंसिपल

मांड्या: कर्नाटक शिक्षा विभाग के एक प्रिंसिपल की शर्मनाक हरकत सामने आई हैं। प्रिंसिपल ने एक छात्रा को उसके सहपाठियों के सामने न केवल पट्टी बांधकर डंडे से बेरहमी से पीटा बल्कि छात्रा को कपड़े उतारने पर मजबूर किया। छात्रा की गलती यह थी कि वह मोबाइल लेकर स्कूल पहुंच गई थी। चौंकाने वाली घटना पिछले हफ्ते मांड्या जिले के श्रीरंगपट्टना तालुक के गणनगुरु गांव के सरकारी हाई स्कूल में हुई।

बेरहमी से की पिटाई

कक्षा 8 में पढ़ने वाली छात्रा को कथित तौर पर डंडे से बेरहमी से पीटा गया और सहपाठियों के सामने कपड़े उतारने के लिए कहा गया। स्कूल की  प्रधानाध्यापिका ने छात्रा को घंटों बिना कपड़ों के उस अवस्था में रहने के लिए मजबूर किया। पीड़िता ने बताया कि जब प्रिंसिपल को पता चला कि वह क्लास में एक मोबाइल लेकर आई है तो प्रधानाध्यापिका भड़क गई। लंच के दौरान, शिक्षक ने स्कूल में मोबाइल लाने वाले छात्रों को जमा करने के लिए कहा था। 

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घंटों तक निर्वस्त्र कर रखा

प्रधानाध्यापिका ने लड़कियों को चेतावनी दी थी कि अगर वे खुद से मोबाइल फोन जमा नहीं करती हैं, तो वह उन्हें छीन लेगी और लड़कों को चेक करवाएगी। बाद में प्रधानाध्यापिका ने सभी लड़कों को क्लास से बाहर भेज दिया और पीड़ितों को पीटना शुरू कर दिया। पीड़िता ने कहा कि प्रधानाध्यापिका ने उसके सहपाठियों के सामने उसे नेक्ड कर दिया और उसे जमीन पर बिठा दिया।

बदनाम रही है प्रिंसिपल

 इस दौरान लड़की ने अनुरोध किया कि उसे ठंड लग रही है और वह पानी पीना चाहती है, लेकिन प्रधानाध्यापिका नहीं मानी। अंतत: शाम तक उसे जाने दिया गया। बाद में लड़की के माता-पिता ने शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से शिकायत की और कार्रवाई की मांग की। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने पुष्टि की है कि तहसीलदार श्वेता एन. रवींद्र ने पहले ही स्कूल का दौरा किया था और घटना की जानकारी एकत्र की थी। यह पता चला है कि प्रधानाध्यापिका छात्राओं को क्रूर दंड देने के लिए बदनाम रही है और पहले उसे निलंबित कर दिया गया था।

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