नई दिल्ली। भारत में कोरोना के मामले 51 लाख के आंकड़े को पार कर चुके हैं। हर रोज जो आंकड़े सामने आ रहे वो 90 हजार से ज्यादा होते हैं। अगर पिछले 11 दिनों की बात करें तो 10 लाख नए मामले सामने आए। ऐसे में तरह के तरह सवाल उठते हैं कि एक तरफ सरकार बड़े बड़े दावे कर रही है लेकिन जमीनी हालात खराब है। आखिर कोई सरकार के दावे पर यकीन करे तो कैसे करे। गुरुवार को राज्यसभा को स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने जानकारी देते हुए कहा कि जब तक वैक्सीन नहीं आएगी तब तक सोशल डिस्टेंसिंग ही इलाज है। लेकिन वो आश्वस्त हैं कि 2021 की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगा।
2021 की शुरुआत में कोरोना वैक्सीन संभव
डॉ हर्षवर्धन ने राज्यसभा को बताया कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए सरकार की तरफ से हरसंभव कोशिश की गई है और उसका असर नजर भी आ रहा है। इस समय महामारी से मरने वालों की संख्या कम है। सबसे बड़ी बात यह है कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर कोरोना प्रसाक को रोकने में जुटी हुई है। यह समय किसी को आरोपित करने का नहीं है। 13 राज्यों में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले हैं लेकिन दुनिया के अन्य देशों की तुलना में यहां स्थिति ज्यादा बेहतर है।
समय रहते भारत में एक्शन लिया गया
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि कोरोना मामले में भारत सरकार की तरफ से समय रहते कार्रवाई हुई थी। 7 जनवरी को WHO ने कोरोना वायरस के बारे में जानकारी दी और उसके अगले दिन से ही हालात से निपटने की तैयारियों पर चर्चा शुरू हो चुकी थी। सबसे बड़ी बात यह है कि पीएम मोदी की अगुवाई में जिस तरह से देश ने कोरोना का मुकाबला किया है वो काबिलेतारीफ है। सभी राज्यों से सलाह मशविरे के बाद ही फैसले किये गए।
भारत में हर दिन 11 लाख टेस्ट
डॉ. हर्षवर्धन ने सांसदों को जानकारी दी कि सामान्य तौर पर यह बताया जा रहा था कि जुलाई-अगस्त में भारत में 300 मिलियन कोरोना मामले और 50 से 60 लाख मौत हो सकती है लेकिन उस तरह का आंशका निर्मूल साबित हुई है। करीब 1.3 बिलियन आबादी वाले देश में रोजाना 11 लाख टेस्ट किए जा हे हैं। कुल 5 करोड़ टेस्ट अभी तक अमेरिका ने किए हैं। उम्मीद है कि टेस्टिंग के मामले में भारत अमेरिका को पछाड़ देगा।
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