श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद: प्रतिवादी पक्ष सबूतों को कर रहा नष्ट, हिंदू पक्ष ने लगाई गुहार

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद मामले में मथुरा का सिविल कोर्ट फैसला सुना सकता है। अर्जी में जमीन के मालिकान हक की बात कही गई है। जिरह के दौरान मुख्य पक्षकार मनीष यादव ने कहा कि प्रतिवादी पक्ष सबूतों को नष्ट कर रहा है।

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मथुरा की सिविल कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद  
मुख्य बातें
  • मथुरा की सिविल कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि ईदगाह केस
  • जमीन के स्वामित्व को लेकर याचिका
  • कारागार के ऊपर मस्जिद निर्माण की बात

श्रीकृष्ण जन्मभूमि-ईदगाह विवाद मामले में मथुरा अदालत में सुनवाई होनी है। याचिका में जमीन के मालिकाना हक की बात कही गई है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर-ज्ञानवापी मस्जिद परिसर, कृष्णजन्मभूमि से सटे शाही ईदगाह मस्जिद की वीडियोग्राफी की मांग वाली एक समान याचिका हाल ही में एक स्थानीय मथुरा अदालत में स्थानांतरित की गई थी।आवेदन "मस्जिद परिसर में हिंदू कलाकृतियों और प्राचीन धार्मिक शिलालेखों के अस्तित्व" का निर्धारण करने के लिए "ज्ञानवापी मस्जिद की तर्ज पर" साइट के मूल्यांकन के लिए एक वकील आयुक्त की मांग करता है।एडवोकेट गोपाल खंडेलवाल वह याचिकाकर्ताओं में से एक हैं। कहते हैं हमें विश्वास है कि आदेश हमारे पक्ष में आएगा। 

मथुरा अदालत में मुख्य पक्षकार की अर्जी
श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मुख्य पक्षकार मनीष यादव ने सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में अर्जी देकर कहा है कि ईदगाह में जिस स्थान पर नमाज अदा की जाती है वह है भगवान कृष्ण का गर्भ गृह है। प्रतिवादी पक्ष सबूत नष्ट कर रहा है, जिला मजिस्ट्रेट, पुलिस अधीक्षक और सीआरपीएफ कमांडेंट को सुरक्षा के लिए निर्देशित किया जाना चाहिए ताकि सबूत सुरक्षित रहे।विवादित स्थल पर सीसीटीवी कैमरे लगवाएं जो 24*7 चालू रहें।अपर प्रधान सचिव पूरी कार्यवाही की निगरानी करें।विवादित स्थल का एएसआई सर्वे भी कराएं। किसी भी अनजान व्यक्ति को विवादित स्थल में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। 

इलाहाबाद उच्च न्यायालय द्वारा श्री कृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद से संबंधित सभी मामलों को चार महीने के भीतर निपटाने का निर्देश दिए जाने के एक दिन बाद, सिविल जज (सीनियर डिवीजन), मथुरा की अदालत में आवेदन दायर किया गया था।12 मई को, भगवान श्री कृष्ण विराजमान और अन्य द्वारा दायर एक याचिका का निपटारा करते हुए उच्च न्यायालय ने कहा कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन), मथुरा को उपरोक्त आवेदनों पर तेजी से फैसला करने का निर्देश दिया जाता है।

याचिका में क्या है मांग

  1. श्रीकृष्ण जन्मभूमि की 13.37 एकड़ भूमि के मालिकाना हक को लेकर अर्जी दाखिल है।
  2. कारागार के ऊपर मस्जिद निर्माण की बात
  3. याचिका में दावा कि जिस जगह पर मस्जिद है वहां कारागार है जिसमें आराध्य श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था।  

2020 में याचिका हुई थी खारिज
श्रीकृष्ण जन्मभूमि में बनी शाही ईदगाह मस्जिद को हटाने की मांग बहुत पुरानी है। अदालत में  2020 इस संबंध में याचिका दायर की गई थी। लेकिन अदालत ने मेरिट का हवाला देते हुए याचिका को खारिज कर दिया था। इस मामले में अदालज की तरफ से फैसला सुनाया जा सकता है।  

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