उत्तराखंड में बादल फटने और भूस्खलन से भारी तबाही, मरने वालों की संख्या बढ़कर हुई 12

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Updated Aug 19, 2019 | 21:41 IST | भाषा

भारी बारिश ने  उत्तराखंड के उत्तरकाशी तबाही मचा दी है। बादल फटने से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रदेश की सभी नदियां उफान पर हैं।

Cloudburst in Uttarakhand
Cloudburst in Uttarakhand  |  तस्वीर साभार: ANI

देहरादून : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के आराकोट और आसपास के क्षेत्र में रविवार को बादल फटने और भूस्खलन से मची तबाही में मरने वालों की संख्या सोमवार को बढ़कर 12 हो गई, जबकि पिछले दो दिनों में हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश की छोटी-बड़ी सभी नदियां उफान पर हैं और हरिद्वार में गंगा खतरे के निशान को पार कर गई है। उत्तरकाशी के जिला प्रबंधन अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया, ‘जिले के माकुडी गांव से सोमवार शाम को दो और शव बरामद हुए हैं जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 12 हो गयी है।’ उन्होंने बताया कि एक को छोड़कर बाकी सभी शवों की पहचान कर ली गयी है।

अभी तक माकुडी से छह, आराकोट से चार और टिकोची और सनेल से एक-एक शव बरामद हुए हैं। जिले के प्रभावित क्षेत्रों में अभी पांच अन्य लोग लापता भी बताए जा रहे हैं। बादल फटने और भूस्खलन की घटनाओं में आराकोट, माकुडी, मोल्डा, सनेल, टिकोची और द्विचाणु में कई मकान ढह गए हैं। अधिकारी ने बताया, ‘खराब मौसम के कारण रविवार को तलाश और राहत अभियान बाधित रहा, हालांकि सोमवार सुबह मौसम अपेक्षाकृत साफ होने के बाद में इसमें तेजी आयी और भारतीय वायु सेना के चार हेलीकॉप्टरों की सहायता से खाने के पैकेट, राशन और जरूरी दवाइयों समेत राहत सामग्री प्रभावित क्षेत्रों तक पहुंचायी गयी।’

उत्तरकाशी के प्रभावित आराकोट क्षेत्र में तबाही का जायजा लेकर लौटे प्रदेश के आपदा प्रबंधन सचिव अमित नेगी तथा राज्य आपदा प्रतिवादन बल (एसडीआरएफ) के महानिरीक्षक संजय गुंज्याल ने यहां एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में बताया कि राहत और बचाव कार्यों की निगरानी के लिए आराकोट में संचार सुविधाओं से युक्त आधार शिविर स्थापित किया गया है। गुंज्याल ने बताया,‘प्रभावित हुए करीब आधा दर्जन गांवों की जनता से संपर्क स्थापित कर लिया गया है जबकि भारी वर्षा के कारण बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ का पानी भर जाने की आशंका वाले छह अन्य गांवों से भी संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है।’

आपदा प्रबंधन सचिव नेगी ने बताया, ‘सोमवार को मौसम में सुधार होने के साथ ही प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत कार्यों में तेजी आई।’ उन्होंने बताया, ‘राज्य पुलिस, एसडीआरएफ, आइटीबीपी, पीएसी के जवान और अधिकारी बचाव और राहत कार्यों में जुटे हैं।’ उन्होंने बताया कि इन घटनाओं में घायल हुए चार व्यक्तियों को बेहतर उपचार के लिए हेलीकॉप्टर से देहरादून के अस्पताल में लाया गया है। हांलांकि, उन्होंने प्रभावित क्षेत्रों में और लोगों के फंसे होने की आशंका व्यक्त जतायी।

गुंज्याल ने बताया, ‘प्रभावित क्षेत्रों में तीन जगह-मोरी, आराकोट और त्यूनी में हेलीपैड बनाये गये हैं, ताकि प्रभावित लोगों तक राहत सामग्री जल्द से जल्द पहुंचायी जा सके।’ उन्होंने बताया, ‘प्रभावित क्षेत्रों में फंसे हुऐ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है और उन्हें राहत सामग्री पहुंचायी जा रही है।’ मौसम विभाग ने राज्य के अधिकांश स्थानों पर भारी बारिश का अनुमान जताया है, जिसके मद्देनजर प्रदेश के 13 में से नौ जिलों में सोमवार को स्कूल, कॉलेज तथा अन्य शिक्षण संस्थान बंद रहे।

प्रदेश के अधिकतर स्थानों पर लगातार बारिश के कारण गंगा और यमुना सहित सभी छोटी-बड़ी नदियां उफान पर हैं और खतरे के निशान के नजदीक बह रही हैं। हरिद्वार में गंगा नदी खतरे के निशान 294.450 मीटर को पार कर गयी है, जिसके कारण लक्सर क्षेत्र के कई गांवों में धान और गन्ने की 30 हजार बीघा फसलों को नुकसान पहुंचा है। जिलाधिकारी दीपेंद्र चौधरी ने बताया,‘इस क्षेत्र के 30 गांवों के लोगों को सतर्क करने के साथ ही बाढ़ चौकियों को भी अलर्ट रहने को कहा गया है।’

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