नई दिल्ली: दुनिया के इतिहास में 23 अगस्त का दिन बहुत महत्वपूर्ण घटना के साथ दर्ज है। दरअसल दुनिया की पहली बाइबिल 23 अगस्त के दिन ही मुद्रित हुई थी। 1456 को 23 अगस्त ही के दिन जर्मनी के माइंस शहर में दुनिया की पहली छपाई मशीन बनाने वाले जर्मन वैज्ञानिक योहानेस गुटेनबर्ग ने इस बाइबिल का प्रकाशन किया था। गुटेनबर्ग ने 380 ईस्वी के एक लैटिन अनुवाद से यह बाइबिल सफेद कागज पर काले अक्षरों में छापी थी। इसकी तीन सौ प्रतियां छापकर विभिन्न शहरों में भेजी गई थीं। 1847 में इसकी एक प्रति अमेरिका पहुंची जो अब न्यूयॉर्क पब्लिक लाइब्रेरी में सुरक्षित रखी गई है।
देश दुनिया के इतिहास में 23 अगस्त की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्यौरा इस प्रकार है:-
1456 : जर्मनी के योहानेस गुटेनबर्ग ने आधुनिक ढंग के दुनिया के पहले छापेखाने में बाइबिल की पहली प्रति छापी जो गुटेनबर्ग बाइबिल के नाम से प्रसिद्ध हुई।
1821 : मेक्सिको ने आजादी की घोषणा की।
1922 : स्पेन के खिलाफ मोरक्को में विद्रोह।
1939 : तत्कालीन सोवियत संघ और जर्मनी के बीच एक दूसरे पर हमला न करने की संधि पर हस्ताक्षर।
1947 : वल्लभ भाई पटेल को देश का उप प्रधानमंत्री नियुक्त किया गया।
1976 : चीन में भूकंप से हजारों लोगों की मौत।
1979 : ईरान की सेना ने कुर्दों के खिलाफ मोर्चा खोला।
1986 : बम्बई के शंभु अभावाने ने सबसे लंबे समय तक टाइपिंग का मैराथन जीतकर विश्व रिकार्ड अपने नाम किया।
1990 : पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी ने तीन अक्टूबर को एक होने की घोषणा की।
1990 : आर्मेनिया ने स्वतंत्रता की घोषणा की।
1995 : देश का पहला सेलुलर फोन कलकत्ता में व्यावसायिक तौर पर पेश किया गया।
1997 : अमेरिका के मिसीसिपी यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर को चार साल पहले मिला हल्दी का पेटेन्ट रद्द।
1999 : इजरायल और फलस्तीन के बीच मान्यता सम्बन्धी मुद्दों पर वार्ता पुन: प्रारम्भ।
2003 : ब्राजील में एक अंतरिक्ष यान में प्रक्षेपण से पूर्व ही विस्फोट हो जाने से कम से कम 21 लोग मारे गये।
2003 : पाकिस्तान के राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने घोषणा की कि पाकिस्तान न्यूनतम सुरक्षात्मक हथियार कायम रखेगा।
2007 : यूनेस्को के विश्व स्मृति रजिस्टर में ऋग्वेद की 30 पांडुलिपियाँ शामिल की गईं।
2007 : पाकिस्तान के सर्वोच्च न्यायालय ने निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे पाकिस्तान के पूर्व मुख्यमंत्री नवाज शरीफ़ को स्वदेश वापसी की अनुमति दी।
2011 : चीनी विज्ञान अकादमी के वैज्ञानिकों ने ब्रह्मपुत्र और सिंधु नदी के उद्गम स्थल का पता लगाया तथा उनके मार्ग की लंबाई का व्यापक उपग्रह अध्ययन पूरा किया।
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