US- Iran Tensions: कहीं भारत के लिए सिरदर्द न बन जाएं ईरान पर अमेरिकी हवाई हमले? ये हो सकते हैं असर

देश
प्रभाष रावत
Updated Jan 04, 2020 | 13:42 IST

US airstrikes on Iran may affect India: अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव से भारत की अर्थव्यवस्था, नीतियां और योजनाओं पर सीधा असर पड़ सकता है। जानें ताजा अमेरिकी हवाई हमले भारत पर क्या असर डाल सकते हैं।

US airstrikes against Iran affect India
अमेरिकी हवाई हमले का भारत पर असर 

नई दिल्ली: इराक में ईरानी अधिकारी और समर्थकों के काफिले पर अमेरिका ने शुक्रवार और शनिवार को दो हवाई हमले किए। शुक्रवार को किए गए ड्रोन हमले में सुप्रीम लीडर के बाद ईरान का दूसरा सबसे शक्तिशाली सैन्य कमांडर और खुफिया प्रमुख मेजर जनरल कासिम सुलेमानी मारा गया। इसके बाद शनिवार को भी ईरानी काफिले पर हमले में 6 लोगों के मारे जाने की खबर सामने आई। भारत ने शुक्रवार को हुए हमले के बाद ही परिस्थिति की गंभीरता को देखते हुए कहा कि क्षेत्र में सुरक्षा स्थिति पूरी दुनिया की शांति के लिए खतरे की घंटी है और क्षेत्रीय सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।

भारत सरकार की ओर से कहा गया, 'यह जरूरी है कि स्थिति और खराब न हो। भारत हमेशा से संयम बरतने की बात कहता आया है और ऐसा करता रहेगा।'

अमेरिका और ईरान के बीच पैदा हुए ताजा तनाव से भारत के लिए भी मुश्किलें बढ़ सकती है। भारत के करीबी रणनीतिक और रक्षा साझेदार के रूप में उभरते अमेरिका और अहम क्षेत्रीय साझेदार ईरान के बीच अगर तनाव और ज्यादा बढ़ता है तो इससे भारत का नुकसान ही होगा।

भारत के लिए क्यों अहम है ईरान:
भारत ईरान की मदद मध्य एशिया के लिए एक वैकल्पिक रास्ते की दिशा में आगे बढ़ रहा है। साथ ही पाकिस्तान के सहयोग के बिना ईरान की मदद से अफगानिस्तान तक भी पहुंच बनाई जा सकती है। भारत ने ईरान में चाबहार बंदरगाह को विकसित किया है और यहां से वह अफगानिस्तान तक रेल मार्ग का विकास करना चाहता है। एक अन्य महत्वपूर्ण बात ये है कि यह क्षेत्र करीब 80 लाख भारतीयों का ठिकाना है इसलिए भारत के लिए यहां क्षेत्रीय स्थिरता बेहद अहम हो जाती है।

भारतीय विशेषज्ञों और अधिकारियों का मानना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हवाई हमले के कदम ने स्थिति को गंभीर बना दिया है और इससे तनाव बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है।

तेल आयात और ऊर्जा जरूरतें- भारत को ईरान से तेल का आयात अपेक्षाकृत सस्ता पड़ता है और साथ ही दोनों देश डॉलर के बजाय यूरो में व्यापार करते हैं। हालांकि अमेरिकी प्रतिबंधों और दबाव के बाद भारत ने ईरान से तेल का आयात कम कर दिया है, ऐसे में ऊर्जा जरूरतों के लिए इराक पर देश की निर्भरता बढ़ी है। अगर क्षेत्र में सैन्य तनाव बढ़ता है तो भारत के तेल आयात और अर्थव्यवस्था पर इसका सीधा असर पड़ेगा।

कई विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को इस परिस्थिति में खुलकर बीच बचाव करने की जरूरत है और साथ ही यह सुनिश्चित करने का पूरा प्रयास करना चाहिए कि क्षेत्र में शांति और स्थिरता बनी रहे।

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